एक बार फिर से बिहार के स्वास्थ्य महकमें की पोल खुलकर सामने आई है. एक तरफ सूबे के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने उन दावों की पोल खुली है जिसमें वह दावा करते हैं कि सूबे के सदर अस्पतालों की स्थिति में सुधार हुआ है. ताजा मामले में एक बार फिर से सदर अस्पताल की कारस्तानी सामने आई है. मामला मोतिहारी जिले का है जहां पर डॉक्टरों को मजबूरी में प्रसूता का प्रसव टॉर्च की रोशनी में कराना पड़ा है. आलम ये है कि सदर अस्पताल मोतिहारी में ना तो इन्वर्टर में बिजली का बैकअप रहता है ना ही यहां जनरेटर की व्यवस्था है.
जी हां! डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को दावों के विपरीत सदर अस्पतालों के हालात अभी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामवा सदर अस्पताल, मोतिहारी से जुड़ा है. यहां डिलेवरी के लिए आई एक प्रसूता का टॉर्च की रोशनी में डॉक्टरों को ऑपरेशन करना पड़ा. अच्छी बात ये रही कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. मामले को लेकर जब सिविल सर्जन अंजनी कुमार से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने पहले गोल मोल जवाब देकर बात को टालने का प्रयास किया गया लेकिन फिर जांच कर जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है.
मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में एक महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद भर्ती कराया गया था. हालात कुछ ऐसे हो गए कि उसका ऑपरेशन ही करा पड़ा. लेकिन हद तो तब हो गई जब ऑपरेशन करने के समय ना तो बिजली थी, ना ही जनरेटर और ना ही इन्वर्टर में बिजली बैकअप. मजबूरन महिला का प्रसव टॉर्च की रोशनी में करना पड़ा. गर्भवती महिला की महिला का कुशलता पूर्वक प्रसव डॉ. सुरुची स्मृति ने कराया. ऑपरेशन के बाद जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं.
वैते हम आपको ये भी बता दें कि मोतिहारी सदर अस्पताल में यह कोई पहली घटना नहीं है. इस तरह के मामले पहले भी सामने आचे रहे हैं. हद तो इस मामले में तब हो गई जब सीएम अंजनी कुमार द्वारा ये कहा गया कि लाइन कटने के बाद जेनरेटर चलाने में जो टाइम गैप हुआ होगा. उसी दौरान ऑपरेशन किया गया होगा. हालांकि, तुरंत ही सीएम को अपनी गलती का एहसास भी हो गया और फिर उन्होंने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
रिपोर्ट: रंजीत कुमार
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand