मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा को सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर मद्य निषेध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. उनके अलावा राज्य के 5 और जिलाधिकारियों को सम्मान मिला है लेकिन अब मधुबनी के डीएम को मिले सम्मान पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, मधुबनी की पुलिस ने अभी हाल ही में उत्पाद विभाग के तीन ए.एस.आई को गिरफ्तार किया है. ये एएसआई हाई प्रोफाइल लोगों की कार रात्रि में चेकिंग के बहाने रोककर उनकी गाड़ियों में शराब रखने के बाद फोटो खीच लेते थे और वीडियोग्राफी कर लेते थे. फिर लोगों से उगाही करते थे यानि कहीं ना कहीं फर्जी तरीके से लोगों को शराब के केस में फंसाया जाता था. शराब तस्करों से भी कई बार उगाही की खबरें आती रही हैं. ऐसे में मद्य निषेध के क्षेत्र में शराब तस्करी और उत्पाद विभाग की कारगुजारियों के लिए कुख्य़ात रहने वाले जिले के जिलाधिकारी को सीएम के हाथों सम्मान कैसे मिल सकता है?
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उत्पाद विभाग ने डीएम को भी लगाया है चूना
मधुबनी जिले के मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. इस बात का अंदाजा इसबात से भी लगाया जा सकता है कि जिले की मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग ने जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा को भी चूना लगा दी हैं. अब आप कहेंगे कि ये कैसे हो गया? तो हुआ यूं कि कुछ दिन पहले ही मद्य निषेध विभाग के द्वारा शराब के तस्करी में संलिप्त वाहनों की नीलामी की जा रही थी. नीलामी फाइल पर अंतिम परिमिशन डीएम का होता है लेकिन नीलामी की जाने वाले वाहनों की सूंची ही गलत बनाई गई थी और नतीजा लाखों रुपए का घोटाला हो गया. गलत सूची के आधार पर वाहनों की नीलामी भी कर दी गई. नीलामी के महीने बीत जाने के बाद मामला जब सुखियों में आया तब जाकर एक कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई. कंप्यूटर ऑपरेटर अभी भी फरार चल रहा है.
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डीएम से करा लिए गए फर्जी सूची पर हस्ताक्षर
मधुबनी के जिस डीएम को सीएम नीतीश कुमार ने मद्य निषेध क्षेत्र में काम करने के लिए सम्मानित किया है उसी डीएम से फर्जी वाहनों की सूची पर हस्ताक्षर करवा लिए जा रहे है और इसमें उत्पाद विभाग के बड़े अधिकारीयो की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन ऐसे जिलाधिकारी और उत्पाद विभाग के अधिकारियों को दंडित करने के बजाय उन्हें सीएम से सम्मान मिल रहा है.
गरीब लोगों को उठाती है उत्पाद विभाग
मधुबनी जिले की उत्पाद विभाग पर कई बार गरीबों को फंसाने का आरोप लग चुका है. लोगों का कहना है कि उत्पाद विभाग अपना टारगेट पूरा करने के लिए गरीब मजदूरों और कमजोरों को फर्जी तरीके से शराब के मामले में फंसा दिया जाता है जबकि शराब माफियाओं से रिश्वत लेकर उनका संरक्षण किया जाता है. ऐसे में किसी भी डीएम को सम्मान मिलना निश्चय ही बड़े गर्व की बात होती है. लेकिन मधुबने में एक तरफ उत्पाद विभाग के तीन जमादार 62 हजार रुपये उगाही में जेल गए, वहीं दूसरी तरफ डीएम, सीएम के हाथों पुरष्कृत हुए और अब सवाल खड़े हो रहे हैं.
रिपोर्ट: प्रशांत झा
HIGHLIGHTS
. मधुबनी की उत्पाद टीम पर उठते रहे हैं सवाल
. सवालों के घेरे में रहने वाले जिले के DM को कैसे मिला सम्मान?
Source : News State Bihar Jharkhand