बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने आईजी विकास वैभव कृष्ण के मामले को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा कि कहा कि राजद से हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार लगातार पुलिस अधिकारियों का मनोबल तोड़ने वाला रवैया अपना रहे हैं. सिस्टम से पीड़ित आईजी विकास वैभव को ही सार्वजनिक रूप से फटकारना और विधायकों-मंत्रियों को अपमानित करने वाले आइएएस अफसर केके पाठक को संरक्षण देना कार्यपालिका को गलत संदेश देना है. इस सरकार में काबिल अफसर ही प्रताड़ित हैं.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि आइपीएस अमित लोढा की कार्यशैली से लोग खुश थे और उन पर "खाकी" सीरियल बनाया गया. इस पर लोढा की प्रशंसा करने के बजाय उन्हें निलम्बित करने की कार्रवाई शुरू की गई. उन्होंने कहा कि अफसरों को पता है कि उन्हें सोशल मीडिया पर क्या कहना चाहिए और क्या नहीं, लेकिन जब मानसिक दबाव असह्य होता है, तभी कोई सर्विस कोड का उल्लंघन करता है. मुख्यमंत्री को रूल बुक दिखाने की बजाय एक सीनियर आइपीएस की मनोदशा समझने का प्रयास करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सीनियर आइपीएस अफसरों के टकराव सार्वजनिक होना प्रशासन पर मुख्यमंत्री का नियंत्रण समाप्त होने का संकेत है.
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DG के सपोर्ट में आए CM नीतीश कुमार
बिहार में अफसरशाही शासन का शिकार एक आईपीएस अधिकारी ही हो चुका है. गालीगलौज से तंग आकर जब अधिकारी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया तो उसी के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया. दरअसल, विकास वैभव ने डीजी पर आरोप लगाया है कि वह गाली गलौज करती हैं और बिहारियों के नाम पर गाली देती हैं. वहीं जब सोशल मीडिया पर यह ट्वीट वायरल हुआ तो लोगों ने डीजी पर कार्रवाई की बात की. वहीं तमाम विवादों के बाद अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार की इस पर प्रतिक्रिया आई है. सीएम समाधान यात्रा के तहत शुक्रवार को पूर्णिया पुहंचे, जहां उनसे कई सवाल पूछे गए. वहीं, जब उनसे आईपीएस विकास वैभव को लेकर सवाल किया गया.
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सीएम ने विकास वैभव को बताया गलत
जब उनसे विकास वैभव के आरोपों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये सब फालतू बात है. अभी कुछ भी मेरा इस पर बोलना उचित नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई अगर कुछ बोलता है तो उसकी जांच करा लीजिए, देख लीजिए कि आखिर मामला क्या है. वहीं सीएम नीतीश ने विकास वैभव को गलत बताया. उन्होंने कहा कि कोई भी अगर ऑफिसर है या नौकरी करता है तो उसका काम ट्वीट करना नहीं है. ये सब चीज गंदी है, उसको अगर कोई समस्या है तो उसे अपने सीनियर से या डिपार्टमेंट में आकर बात करनी चाहिए, निजी तौर पर बात करनी चाहिए. ऐसे किसी भी चीज को सार्वजनिक करना उचित नहीं है. ये कानून है.
डीजी ने मांगा जवाब
डीजी शोभा अहोतकर ने विकास वैभव पर शोकॉज ट्वीट को लेकर नोटिस भेजा है. इसी के साथ खुद पर बेबुनियाद आरोप और उनकी छवि धुमिल करने की बात कही. जिसके तहत अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 के नियमों का उल्लंघन किया गया है. इसके साथ ही नोटिस में कुछ धाराओं का उल्लेख करते हुए पूछा है कि धाराओं के अनुसार अधिकार अपनी ड्यूटी के दौरान हुई बात को गोपनीय रखेगा. इसके बावजूद उन्होंने सोशल मीडिया पर गालीगलौज की बातें की.
आईपीएस विकास वैभव के ट्वीट में क्या था?
आईजी विकास वैभव ने ट्वीट किया था- "मुझे आईजी होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज का दायित्व दिनांक 18 अक्टूबर 2022 को दिया गया था और तब से सभी नौ दायित्वों के निर्वहन हेतु हर संभव प्रयास कर रहा हूं. प्रतिदिन तब से अनावश्यक डीजी मैडम के मुख से गालियां ही सुन रहा हूं. परंतु यात्री मन आज वास्तव में वास्तव में द्रवित है."
DIG 45 मिनट के लिए हो गए थे बेहोश
इस बीच डीजी शोभा अहोतकर के जुल्म की एक और कहानी सामने आ रही है. बीते 20 जनवरी को डीजी अहोतकर ने एक डीआईजी को इतना टॉर्चर किया और गालियां दी कि वे बैठक में ही बेहोश हो गये थे. डीआईजी लगभग 45 मिनट तक बेहोश रहे.
एसपी पर हाथ तक उठाने जा रहीं थीं डीजी अहोतकर
मीटिंग के दौरान डीजी अहोतकर द्वारा एक एसपी को गालियां देने के क्रम में पीटने का भी प्रयास किया कगया था. खबर ये भी है कि होमगार्ड के अधिकारियों ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को लिखित तौर पर पहले ही डीजी अहोतकर की शिकायत की थी लेकिन उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
HIGHLIGHTS
- सुशील मोदी ने बोला सीएम नीतीश पर हमला
- आईपीएस विकास वैभव के मामले को लेकर कसा तंज
Source : News State Bihar Jharkhand