नेपाल (Nepal) ने गंडक बैराज का काम रोककर भारत के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. बारिश के समय में गंडक बैराज की मरम्मत का काम रोक दिए जाने से नेपाल की सीमा से सटे भारत के बिहार राज्य में तबाही मचाने वाली बाढ़ आ सकती है. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को भी चिट्ठी लिखी है और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की है. इस बीच बिहार में मंडराते जल प्रलय के खतरे को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक अहम बैठक बुलाई है.
यह भी पढ़ें: Indo-China तनाव के बीच आज लेह का दौरा करेंगे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद, लेंगे हालात का जायजा
सीमा पर तनातनी के बीच नेपाल लगातार भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है. नेपाल ने पहली बार गंडक बैराज की मरम्मत के काम में रुकावट डाली है. जिससे बिहार राज्य के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है. आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेनेपाल में बाढ़ की रोकथाम से बिहार सरकार के जुड़े कार्यों को बाधित किए जाने पर राज्य के जल संसाधन विभाग और अन्य अधिकारियों के साथ आज एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है.
उधर, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री से इस समस्या का जल्द से जल्द हल निकालने का अनुरोध किया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, 'इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए मैं ईमानदारी से नीतीश कुमार और पीएमओ से अनुरोध करता हूं. अन्यथा इसका पूरे कोशी-गंडक क्षेत्र पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. राज्य सरकार की तैयारी इतनी खराब है कि रात भर की बारिश से राजधानी डूब जाती है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को तो छोड़ ही दें.'
यह भी पढ़ें: अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड डील खत्म होने की खबर से शेयर बाजार में आई भारी गिरावट
बता दें कि सोमवार को बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया था कि पडोसी देश नेपाल द्वारा लगाए गए अवरोधकों के कारण भारत-नेपाल सीमा पर तटबंधों के मरम्मत कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. झा ने कहा, 'गंडक बैराज में कुल 36 फाटक हैं, जिनमें से आधे हमारे किनारे पर हैं. हमारे अभियंताओं और उनके सहायकों द्वारा इनकी मरम्मत पूरी कर ली गई है. शेष 18 फाटकों का रखरखाव भी हमारे द्वारा किया जाता है. इन फाटकों के लिए दूसरी तरफ जाने की अभियंता और उनके सहायकों ने कोशिश की, तो वहां बैरिकेड लगे पाये.'
मंत्री ने कहा कि इससे बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 'कोई तात्कालिक खतरा' नहीं, पर सभी 36 फाटकों के लिए काम पूरा हो जाना जरूरी था, क्योंकि राज्य नीचे की ओर स्थित है और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी जल-जमाव के कारण तटबंध प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकता है. झा ने कहा कि बिहार के अधिकारियों को इसी प्रकार से कमला नदी तटबंध की मरम्मत का काम पूरा करने से रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन सभी के कारण तुरंत समस्या नहीं होगी लेकिन बाढ़ की चपेट में आने की आशंका चार महीने तक बनी रहेगी. यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो राज्य को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
यह वीडियो देखें: