बिहार में महागठबंधन की सरकार आ गई है. रातों-रात बिहार में सरकार बदल गई. तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. ऐसे में उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र की ही तरह बीजेपी बिहार में भी खेल करना चाहती थी. RCP सिंह को एकनाथ सम्भाजी शिंदे की जगह दी गई थी जो सरकार गिराने में मदगार होते. वहीं, अब सीएम नीतीश कुमार ने अपने बेहद करीबी रहे साथी RCP सिंह पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें हमने बहुत सम्मान और इज्जत दी, लेकिन इसका उन्होंने हमे क्या सिला दिया है.
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने आज RCP सिंह को लेकर इशारों इशारों में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उनसे हमे ये उम्मीद नहीं थी. उन्हें काफी इज्जत दी गई है. इसे बड़ी इज्जत और क्या हो सकती है, लेकिन ऐसा बयान देना ऐसी बातें कहना गलत है उनकी इन बातों से हमे बहुत दुःख हुआ है साथ ही पार्टी के लोगों को भी दुःख हुआ है. हमारी पार्टी के लोगों की बहुत पहले से इच्छा थी. हमने उनको कहा से कहा पहुंचा दिया. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री मंडल को लेकर भी कहा की वो चाहते थे कि केंद्र में उन्हें 4 सीट मिले जिसके लिए RCP सिंह को भेजा गया था लेकिन वो खुद ही मंत्री बन गए थे. अब उनकी मर्ज़ी है वो कहा जाना चाहते है.
नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने अच्छा नहीं किया. हमने उन्हें बहुत सम्मान दिया. पार्टी का अध्यक्ष भी बना दिया. बाद में वो केंद्रीय मंत्री बन गए तब हमने उनसे पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए कहा था. बता दें कि आरपीसी सिंह ने हाल ही में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है. पार्टी ने उन्हें तीसरी बार राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. सीएम नीतीश कुमार के इस बयान से तो साफ़ है की JDU पार्टी में अब कभी भी उनकी वापसी नहीं हो पाएगी.
आपको बता दें कि, RCP सिंह ने हाल ही में कहा था कि सीएम नीतीश कुमार सात जन्म में भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे. जेडीयू ने राजनीति का स्तर घटा दिया है. यह डूबता हुआ जहाज है. अब जेडीयू में बचा ही क्या है. जो कार्यकर्ता पार्टी छोड़ना चाहते हैं वे छोड़ दें. मालूम हो कि जेडीयू ने 2013 से 2022 के बीच अकूत संपत्ति बनाने के आरोप पर आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. आरसीपी सिंह पर साल 2013 से 2022 के बीच जेडीयू में रहते हुए भ्रष्टाचार के जरिये अकूत संपत्ति बनाने का आरोप लगा था. आरसीपी पर आरोप है कि जेडीयू में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाई जिसमें नालंदा के दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन का मामला भी शामिल है. आरसीपी सिंह ने इन संपत्तियों का जिक्र अपने चुनावी हलफनामे में भी नहीं किया था और इसे जेडीयू से भी छिपाए रखा था.
Source : News Nation Bureau