बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना का टीका नहीं आने तक जांच गति बरकरार रखने का निर्देश दिया. उन्होंने कोरोना के टीकाकरण में स्वास्थकर्मियों के इस तरह समायोजित करने के भी निर्देश दिए जिससे अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नही हों. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में गांव-गांव तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जरूरी काम किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडल और जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाए तथा विस्तार की योजनाओं को गति दी जाए.
यह भी पढ़ें : बिहार में कोरोना के 535 नए मरीज, संक्रमितों की संख्या 2.45 लाख
उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बेहतर कार्य किए गए हैं. बड़ी संख्या में जांच होने से संक्रमण के फैलाव को रोकने में काफी मदद मिली है. उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना टीका नहीं आ जाए, तब तक कोरोना संक्रमण की जांच इसी रफ्तार से बरकरार रखें. उन्होंने टीकारण के लिए उचित भंडारण की व्यवस्था रखने का निर्देश देते हुए कहा कि टीकाकरण कार्य में स्वास्थ्यकर्मियों का समायोजन इस प्रकार किया जाए कि अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित नहीं हों.
यह भी पढ़ें : भारत में कोरोना ने पार किया 1 करोड़ का आंकड़ा, वैक्सीन अब भी का इंतजार
उन्होंने कहा कि, "स्वास्थ्य सेवाओं में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता से प्रतिदिन इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है. लोगों को मुफ्त में दवाई दी जा रही है. गांव-गांव तक लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर जरूरी काम किए जा रहे हैं."
यह भी पढ़ें : बिहार की कृषि विकास दर पंजाब से ज्यादा, यहां का किसान राजग के साथ : सुशील मोदी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल हृदय योजना के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चे की मुफ्त उपचार की व्यवस्था के लिए कार्य करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे.
Source : IANS