देश की राजधानी दिल्ली से पटना लौटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली में सभी से मुलाकात हुई है. बिहार के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से बातचीत हुई. इस दौरान कैबिनेट विस्तार पर कोई बात नहीं हुई है. बंगाल चुनाव पर उनलोगों से कोई बात नहीं हुई है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष देखेंगे क्या करना है.
सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आगे कहा कि कोरोना वायरस टेस्ट में गड़बड़ी की जानकारी मिली है. मैंने तत्काल वहीं से स्वास्थ्य सचिव से बात की. उन्होंने बताया है कि जांच चल रही है. राज्यसभा में भी किसी ने ये सवाल उठाया था. मैं हर दिन का रिपोर्ट लेता हूं, लेकिन बिना जांच किए लिखना की जांच हुई ये तो गलत है. इसमें तो करवाई होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी आज इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है. बिहार में कोरोना टेस्ट काफी अच्छे से हो रहा है. देश में दस लाख पर जो औसतन जांच होती है उसमें 22 हज़ार से भी ज्यादा जांच औसत बिहार का है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसानों का एक बार कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन है तो दोबारा सहकारिता में रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है Procurement के लिए सभी निर्देश दे दिए गए हैं, कहीं कोई कन्फ्यूजन नहीं होनी चाहिए.
I asked Principal Secy about it. He said matter has been investigated & 22 dists have already been looked into. This was seen at one location & action is being taken. He also spoke to journalist of newspaper which reported it: Bihar CM on fudging of COVID testing data in state pic.twitter.com/clWvXcGxHH
— ANI (@ANI) February 12, 2021
आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गुरुवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. नीतीश ने गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के समर्थन में कहा कि वह सरकार के साथ हैं और कानून किसानों के हित के लिए हैं न कि उनके खिलाफ. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Modi Government) ने आंदोलन खत्म करने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने का सही रास्ता अपनाया है. पिछले साल नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी.
मोदी से मिलने के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि कृषि कानूनों का उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है और ये उनके खिलाफ नहीं हैं. कानून वापसी की मांग के साथ पिछले साल 26 नवंबर से ही विरोध कर रहे किसानों के बारे में सवाल पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हम सरकार के साथ हैं और सरकार ने बातचीत करके सही रास्ते का विकल्प चुना है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही समाधान निकाले जाने के प्रति आशान्वित हैं.
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी की मांग भी कर रहे हैं. इससे पहले, सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, मगर कोई हल नहीं निकला.
नीतीश से एक अन्य सवाल पूछा गया कि जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर कोई चर्चा हुई या नहीं, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल पर कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने एक फरवरी को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट की भी सराहना की और कहा कि कोविड महामारी के प्रभाव के बावजूद बजट बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि बल्कि हम राज्य में एक अच्छा बजट लाएंगे.
जदयू नेता ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के विकास पर भी चर्चा की, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों से बहुत सारे वादे किए गए. हालांकि, उन्होंने चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जो पिछले साल से जदयू पर बार-बार हमला कर रही है.
Source : News Nation Bureau