बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है, इसे सख्ती से लागू करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रयास कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन भी आए दिन राज्यभर में शराब तस्करी और शराबियों को लेकर छापेमारी कर रहे हैं. थाना की पुलिस भी आये दिन छापेमारी कर शराब की बरामदगी कर रही है. शराब को लेकर प्रत्येक दिन कई लोग जेल की सलाखों के पीछे भेजे जा रहे हैं, मगर जिस विभाग को शराब और शराबी को पकड़ने की जिम्मेवारी सौंपी गई है, वह उत्पाद विभाग सरकारी गाड़ी लेकर डीजल खर्च करने के अलावा कुछ नहीं कर रही है.
शराब से जा चुकी है सैकड़ों लोगों की जान
नालंदा के जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के बड़ी पहाड़ी और छोटी पहाड़ी में 14 जनवरी, 2022 को कई लोगों की मौत जहरीली शराब की वजह से हुई थी. वहीं, छपरा और मोतिहारी जहरीली शराबकांड ने सरकार और प्रशासन को भी सवालों के घेरे में ला दिया था. मौत के बाद उत्पाद विभाग ने कुछ दिनों तक अपनी चहलकदमी दिखाई और फिर शांत हो गई. आज भी बिहार शरीफ में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है और उसे पीने वाले की भी कमी नहीं है. ताजा मामला बिहार शरीफ अनुमंडल कार्यालय परिसर का है, जहां परिसर में 50 से अधिक शराब की खाली बोतल फेंकी हुई मिली. इसके अलावा संदिग्ध इंजेक्शन भी फेंका हुआ है.
नशे में डूब रहा CM का गृह जिला नालंदा
इसके अलावे शहर के कई सरकारी कार्यालय परिसर में शराब की खाली बोतल फेंकी हुई है. इस मामले स्थानीय जन प्रतिनिधि का कहना है कि सिर्फ गरीबों के लिए शराबबंदी है. अफसर और बड़े लोगों के लिए शराबबंदी नहीं है. इस मामले में बिहारशरीफ के एसडीओ ने कहा कि अनुमंडल कार्यालय में जो शराब की खाली बोतल है, इसकी जांच टीम बनाकर कराई जाएगी और पूरे कैंपस को सैनिटाइज कराया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- नशे में डूब रहा CM का गृह जिला नालंदा
- उत्पाद विभाग कर रही खानापूर्ति
- शराब से जा चुकी है सैकड़ों लोगों की जान
Source : News State Bihar Jharkhand