पटना के एक महिला महाविद्यालय ने अपने परिसर में बुर्का पहनने पर पाबंदी शनिवार को वापस ले ली. उसने नये परिधान नियमावली के तहत इस पर पाबंदी लगायी थी. महाविद्यालय ने कहा कि यह पाबंदी गलतफहमी के चलते लगा दी गयी और उसका ‘किसी भी समुदाय की छात्राओं को परेशान करने या उत्पीड़न करने का इरादा नहीं’ है.
जे. डी. वूमेंस कॉलेज ने एक नोटिस में कहा था, ‘‘छात्राओं को सूचित किया जाता है कि शनिवार छोड़कर हर दिन वे निर्धारित परिधान में आये. इसके अलावा कक्षा और महाविद्यालय परिसर में बुर्का के इस्तेमाल पर पाबंदी है. यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करते हुए पायी जाती है तो उस पर 250 रूपये जुर्माना लगाया जाएगा.’’ महाविद्यालय की प्राचार्या श्यामा राय ने इस बात की पुष्टि की कि परिसर में बुर्के पहनकर आने पर पर पाबंदी वापस ले ली गयी है और कहा कि महाविद्यालय ने एक दूसरा नोटिस जारी कर कहा है कि ऐसी कोई पाबंदी नहीं है.
महाविद्यालय की शिक्षिका रेखा मिश्रा ने कहा, ‘‘ कॉलेज का परिधान नियम है जिसमें छात्रा को लाल रंग का कुर्ता, सफेद सलवार और दुपट्टा पहनना है. इस नोटिस को लेकर गलतफहमी है... हम उसके लिए माफी मांगते हैं.’’ जे. डी. वूमेंस कॉलेज पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय से संबद्ध है. मिश्रा ने कहा कि छात्राएं बुर्के में महाविद्यालय आ सकती हैं और चाहें तो बुर्का हटाकर कक्षाओं में जा सकती हैं.
Source : Bhasha