लंदन से आकर लखनऊ में कई समारोहों में हिस्सा लेने वालीं बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर (kanika Kapoor) की मुश्किलें बढ़ गई है. लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार की देर रात उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में कनिका के खिलाफ परिवाद दायर किा गया है. अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कनिका कपूर पर लापरवाही और वायरस को छुपाने को लेकर परिवाद दर्ज कराया है. साथ ही अधिवक्ता सुधीर ओझा ने कोर्ट से मांग की है कि जिस तरह से वीआईपी कल्चर के कारण यह महामारी फैली, उसे खत्म कर दिया जाए और कनिका कपूर को सख्त से सख्त सजा दी जाए.
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उधर, बिहार के मुजफ्फरपुर में ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर परिवाद दायर हुआ है. उनके खिलाफ मुजफ्फरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर कराया है. तमन्ना का आरोप है कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में ऐसे लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. एयरपोर्ट पर विदेशों से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग नहीं हो रही है. उन्होंने कहा है कि विदेश से आने वाले लोगों का स्क्रीनिंग कराने में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री लापरवाही बरत रहे हैं. फिलहाल कोर्ट ने इस परिवाद को रख लिया है.
गौरतलब है कि कनिका कपूर ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर साझा किया कि वह कोविड-19 से संक्रमित हैं. कोरोनोवायरस से पीड़ित होने के बावजूद वह कई सार्वजनिक समारोहों में शामिल हुई थीं. 15 मार्च को लखनऊ आने वाली कनिका कपूर ने उसी दिन गैलेंट अपार्टमेंट में एक हाई प्रोफाइल पार्टी भी दी थी, जिसमें कई नेताओं के साथ अफसरों ने भी हिस्सा लिया था. इसके बाद वसुंधरा राजे और उनके सांसद बेटे दुष्यंत सिंह ने सेल्फ आइसोलेशन में जाने का ऐलान किया. राष्ट्रपति भवन के ब्रेकफॉस्ट पार्टी में भी हिंस्सा लेने वाले अन्य सांसद भी डर हुए हैं, क्योंकि दुष्यंत उनके मिले थे.
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हालांकि इस दौरान कनिका कपूर ने आरोप लगाया था कि लंदन से लौटने के बाद लखनऊ एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के बाद उसी ने उन्हें होम क्वारन्टाइन के लिए नहीं कहा था. मगर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) के चौंकाने वाले दावे से खुद शासन-प्रशासन सवालों के घेरे में है. सीएमओ ने कहा कि 14 मार्च को कनिका आईं, जबकि लखनऊ के लोगों का कहना है कि वह 11 मार्च को ही लखनऊ पहुंच गईं थीं.
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