बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया गया. मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा दायर परिवाद पत्र में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान इमरान खान ने भारत के साथ परमाणु युद्घ छेड़ने और कश्मीर में खून खराबा करने की बात कर यहां के लोगों की भावना को भड़काने का काम किया है.
ओझा ने बताया कि परिवाद पत्र भादवि की धारा 124 (ए), 125 और 505 के तहत दायर की गई है. उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा इस मामले की सुनवाई की तारीख 21 अक्टूबर तय की गई है.
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) ने यूएन में कश्मीर पर प्रोपेगेंडा (Propaganda) किया. ग्लोबल वार्मिंग से भाषण शुरू करने वाले इमरान खान की सुई कश्मीर पर जाकर अटक गई. यूएन में पाकिस्तान का नापाक चेहरा सामने आया. इमरान खान ने एक तरह से धमकी देते हुए कहा कि कश्मीर से कर्फ्यू हटते ही युद्ध जैसे हालात बनेंगे.
पाकिस्तान ने वजीर-ए-आजम ने पुराना राग अलापते हुए कहा कि भारत ने शिमला समझौते, भारतीय संविधान का उल्लंघन किया. इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर में खून-खराबे की धमकी दी. उन्होंने कहा कि फिर होगा पुलवामा जैसा हमला होगा. इसके साथ ही इमरान खान ने कहा कि पीएम मोदी ने हमसे कहा कि हमारे यहां से आतंकवाद फैलाया जा रहा है. मैंने उनसे कहा कि अब इससे आगे बढ़ना चाहिए. पुलवामा अटैक में पाकिस्तान पर हमले का आरोप लगाया. हमने कहा कि सबूत दीजिए. लेकिन भारत ने सबूत नहीं दिया. इसके बदले में हमपर बमबारी की.
इतना ही नहीं इमरान खान यूएन में अमेरिका को भी घेरने की कोशिश की. इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने अमेरिका की मदद से अफगानिस्तान में मुजाहिदीनों को तैयार किया, सोवियत के कब्जे से छुड़ाने के लिए यहा लड़ाई थी. इसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में हमला किया. जब हम दहशतगर्दों के खिलाफ हो गए, तो हमपर ही हमले करने लगे.
Source : आईएएनएस