बिहार (Bihar) में इस साल अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के महागठबंधन के अंदर महा संग्राम छिड़ा हुआ है. महागठबंधन की टूटने की आहट तेज होने लगी है. पिछले कई महीनों से महागठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी की मांग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी इस कदर खफा हो गए हैं कि वह अब आरपार के मूड में हैं. एक तरफ जहां जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने महागठबंधन को अल्टीमेटम दिया है तो वहीं उन्होंने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. आज मांझी दिल्ली के लिए रवाना होंगे, जहां वह महागठबंधन के नेताओं से मुलाकात करेंगे.
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महागठबंधन में बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की मनमानी से खफा जीतन राम मांझी ने सख्त तेवर अपनाए हुए हैं. लिहाजा जीतन राम मांझी आज दिल्ली के लिए रवाना होंगे. वह दिल्ली में महागठबंधन के नेताओं से मुलाकात करेंगे. कहा यह भी जा रहा है कि मांझी वहां कांग्रेस आलाकमान से भी मुलाकात करेंगे. गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, जीतन राम मांझी की हम पार्टी, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी ने बिहार में मिलकर महागठबंधन बनाया था, मगर अब इसकी दीवारें दरक रही हैं.
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काफी दिनों से जीतन राम मांझी महागठबंधन के अंदर कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर अपने स्वर मुखर किए हुए हैं तो उधर राजद अपनी मनमानी कर बिना किसी दल की सहमति के बिहार के विधानसभा चुनाव में अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान कर चुकी है. राजद के इस कदम का ना सिर्फ मांझी विरोध कर रहे हैं, बल्कि अन्य दलों के मुखिया इससे नाराज हैं. लिहाजा राजद से खफा पार्टी नेताओं के साथ मिलकर जीतन जीतन राम मांझी गोलबंदी करने में जुटे हैं.
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न्यूज़ नेशन से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी साफ कह चुके हैं कि अगर 15 जून तक महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी नहीं बनेगी तो वह महागठबंधन से किनारा कर सकते हैं. उन्होंने ये भी साफ किया कि राजनीति संभावनों का खेल है और उनके लिए विकल्प खुले हैं. हालांकि राजद ने जीतन राम मांझी ऊपर क्रेशर पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाया है और साथ ही हिदायत भी दी है कि तेजस्वी एक्सप्रेस खुल चुकी है, जो चढ़ेगा वो चुनाव पार करेगा, नहीं तो किनारे लग जाएगा. बहरहाल देखने वाली बात यह है कि मांझी को दिल्ली दौरे का कितना फायदा मिलने वाला है.
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