Bihar Cabinet Expansion : अब कांग्रेस ने रखी दो से तीन मंत्री पद की शर्त, सियासी बवाल शुरू
बिहार में अब कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है. कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं शुरू होने के साथ ही गठबंधन सरकार के तमाम दलों में हलचल तेज हो गई.
बिहार में अब कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है. कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं शुरू होने के साथ ही गठबंधन सरकार के तमाम दलों में हलचल तेज हो गई. सभी के मन में ये सवाल है कि अगर कैबिनेट का विस्तार हुआ तो मंत्री किस पार्टी के बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल इस रहस्य से पर्दा उठाने के मूड में नहीं है. जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने गेंद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पाले में डाल दिया. हालांकि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी मीडिया के सवाल पर दो टूक कह दिया कि कैबिनेट का जब विस्तार होना होगा तब हो जाएगा.
कांग्रेस लेकर रहेगी अपना हक कैबिनेट विस्तार के संशय के बीच प्रदेश में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर कांग्रेस ने साफ-साफ कह दिया कि कांग्रेस पार्टी अपना वाजिब हक लेकर रहेगी. पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्रा का तो यहां तक कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दोबारा महागठबंधन में एंट्री कांग्रेस की वजह से ही हुई है.
बीजेपी को फिर मिला मुद्दा कांग्रेस के बयान ने एक बार फिर महागठबंधन सरकार में कलह के संकेत दे दिए हैं और हर बार की तरह इस बार भी बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने में पीछे नहीं हट रही. लिहाजा कांग्रेस नेता के इस बयान का बीजेपी ने समर्थन किया है. बीजेपी ने साथ ही प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इतने कमजोर हो चुके हैं कि अब वो स्वतंत्र होकर फैसला भी नहीं ले सकते. महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कठपुतली बन चुके हैं.
तेजस्वी यादव के हाथ में पावर वहीं, कांग्रेस के बयान पर महागठबंधन की साथी JDU ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है. हालांकि आरजेडी का कहना है कि गठबंधन सरकारों में किस पार्टी से कौन मंत्री बनेंगे या उसकी कितनी भागीदारी होगी ये तय करने वाले होते हैं उस पार्टी के नेता. लिहाजा ये अधिकारी आरजेडी में तेजस्वी यादव के पास है. RJD ने कांग्रेस नेता को मिलजुलकर काम करने की सलाह भी दी.
महागठबंधन में खट-पट बहरहाल, कैबिनेट विस्तार का सवाल है और बिहार में सियासी बवाल है. कैबिनेट के मुद्दे ने जहां महागठबंधन में एक बार फिर खट-पट के हालात पैदा कर दिए हैं तो वहीं बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है. जिसकी आड़ में अब राज्य में राजनीतिक वार-पलटवार तेज हो गया है.