बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के वरिष्ठ नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि समय पर चुनाव कराना एक संवैधानिक दायित्व है. उन्होंने विपक्ष के उस आरोप को खारिज किया, जिसमें कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बावजूद लोगों के जीवन की कीमत पर जदयू विधानसभा चुनाव कराने के लिए जोर दे रहा है. चौधरी ने कहा, “हमारे लिए, लोगों का जीवन और स्वास्थ्य सर्वोपरि है. लेकिन समय पर चुनाव कराना भी एक संवैधानिक दायित्व है, जिस पर चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से निर्णय लेगा.''
चौधरी ने कहा कि जब भी यह चुनाव होगा, हमें उम्मीद है कि आयोग मतदाताओं की सुरक्षा और चुनावी अभ्यास में शामिल अन्य सभी लोगों के लिए दिशा-निर्देशों के साथ सामने आएगा. मंत्री एक गैर सरकारी संगठन, हील इंडिया फाउंडेशन द्वारा ''कैसे बिहार कोविड-19 महामारी से निपट रहा है'' पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि बिहार एकमात्र ऐसा स्थान है जहां कोविड-19 संकट के दौरान चुनाव होगा.
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हाल ही में दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में आम चुनाव हुए. इसके अलावा, अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं.'' चौधरी आयोजित कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व आईआईएमसी महानिदेशक के जी सुरेश की एक प्रतिक्रिया का जवाब दे रहे थे. बिहार के विपक्षी महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जहां आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव को स्थगित किए जाने की मांग कर रहे हैं वहीं प्रदेश में सत्ताधारी राजग में शामिल चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा ने भी महामारी की पृष्ठभूमि में समय पर चुनाव को लेकर आशंकाएं व्यक्त की हैं.
राजद में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी पर ''शवों पर राजनीति करने'' और बिहार विधानसभा जिसका कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है, से पहले चुनाव के लिए जोर देने का आरोप लगाया है.
Source : News Nation Bureau