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शराबबंदी कानून को लेकर महागठबंधन सरकार व विपक्ष के बीच तकरार, पढ़िए-किसने क्या कहा?

मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई और उसमें इस कानून पर एक बार फिर से संशोधन करते हुए यह प्रावधान तय किया गया है कि जो गाड़ियां शराबबंदी कानून के तहत पकड़ी जाएंगी अब बीमा राशि की 10% राशि लेकर उसे छोड़ा जा सकता है पहले यह राशि 50 फीसदी थी.

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Shailendra Shukla
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शराबबंदी कानून पर जारी है सियासी संग्राम( Photo Credit : सोशल मीडिया)

बिहार में शराबबंदी के कानून में एक बार फिर से संशोधन किया गया दरअसल मद्य निषेध विभाग की तरफ से अब इस कानून में संशोधन करते हुए यह प्रावधान तय किया गया है कि शराब तस्करी में पकड़े जाने वाले वाहनों को वाहन के इंश्योरेंस के 10 प्रतिशत राशि  लेने के बाद छोड़ दिया जाएगा पहले यह राशि 50 फीसदी थी. नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया लेकिन अब सरकार के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं. बिहार में जबसे शराबबंदी कानून लागू हुआ है, तभी से इस पर सवाल भी खूब उठे हैं शराबबंदी को सफल करने के लिए नीतीश सरकार बेहद गंभीर है इसीलिए  बोट से लेकर ड्रोन तक से शराबबंदी मुहिम को सफल करने के लिए निगेहबान की जाती है, यानी संसाधनों और तकनीक के जरिए शराबबंदी मुहिम को सफल बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है लेकिन कानून में संशोधन कर शराबबंदी की सख्ती को कम कर रही है.

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मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई और उसमें इस कानून पर एक बार फिर से संशोधन करते हुए यह प्रावधान तय किया गया है कि जो गाड़ियां शराबबंदी कानून के तहत पकड़ी जाएंगी अब बीमा राशि की 10% राशि लेकर उसे छोड़ा जा सकता है पहले यह राशि 50 फीसदी थी.

शराबबंदी कानून से हुआ माफियाओं का फायदा-BJP

शराबबंदी कानून बिहार में साल 2016 में लागू की गई थी और उस समय यह कानून इतना सख्त था कि चाहे कोई कितना भी रसूखदार हो अगर उसके घर पर शराब बरामद हो जाती थी तो ना सिर्फ उसकी गिरफ्तारी होती थी बल्कि घर को भी सील कर दिया जाता था, शराबबंदी कानून के तहत पकड़ी गई गाड़ियों को छोड़ने तक का प्रावधान नहीं था लेकिन धीरे-धीरे इस कानून को लचीला किया गया जिसको लेकर सवाल उठने लगे हैं बीजेपी का आरोप है कि शराबबंदी मुहिम से सिर्फ शराब माफियाओं को ही फायदा पहुंच रहा है आज घर-घर शराब मिल रही है और सरकार के लोग ही शराब अवैध धंधे में संलिप्त हैं

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जेडीयू की प्रतिक्रिया

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कानून में संशोधन पर जेडीयू के वरीय नेता राजीव रंजन गोलमोल जवाब देते हुए दिखे. शराबबंदी में संशोधन पर भी उन्हें बीजेपी का ही राग अलाप तेज सुना जा सकता है इनका साफ तौर पर मानना है कि शराबबंदी मुहिम अगर विपर्ल हो रही है तो इसमें बीजेपी के नेताओं का हाथ है और लगे हाथ उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण और अत्याचार से भी जोड़ दिया सुनिए राजीव रंजन का यह बयान जिन्होंने कानून को लेकर तो कुछ नहीं कहा लेकिन लगे हाथ राजनीति करने से बाज नहीं आए.

RJD ने क्या कहा?

वहीं शराबबंदी कानून में बार-बार संशोधन पर जिस लाइन लेंथ पर जेडीयू चल रही है कमोबेश उसी लाइन लेंथ पर सहयोगी आरजेडी हुई है और आरजेडी प्रवक्ता सारिका पासवान का मानना है कि ये कानून बेहद अच्छा है लेकिन बीजेपी नेताओं की वजह से कानून सफल नहीं हो पा रहा है, सारिका का तो दावा यहां तक है कि बीजेपी के नेता भी शराब के अवैध धंधे में संलिप्त हैं. बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर लगातार सवाल उठे हैं, शराबबंदी कानून के बावजूद जहरीली शराब के सेवन से आए दिन बिहार में लोगों की मौत होती है इसके औचित्य को लेकर सवाल उठते हैं और बीच-बीच में इस कानून में कई बार संशोधन भी होते रहते हैं और समय के साथ बिहार में शराबबंदी कानून को लचीला बनाया जा रहा है अब सवाल ये उठता है कि जब सजा में छूट मिलेगी तो क्या इसका फायदा शराब के अवैध धंधे बाजों और माफियाओं को नहीं मिलेगा.

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रिपोर्ट: रितेश

HIGHLIGHTS

  • शराबबंदी कानून को लेकर सरकार-विपक्ष में संग्राम
  • नियम बदलने पर बीजेपी हुई हमलावर
  • बीजेपी का आरोप-माफियाओं का हुआ शराबबंदी से भला
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Source : News State Bihar Jharkhand

Bihar Sharabbandi Kanun 2016 JDU BJP RJD Bihar News
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