बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे प्रबंधन के बारे में ग्राम पंचायत एवं नगर निकाय प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. नीतीश ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये कहा कि हम लोगों ने 22 मार्च को ही राज्य के नगर निकायों, जिला मुख्यालयों, अनुमंडलों और ब्लॉक मुख्यालयों में लॉकडाउन किया था. प्रधानमंत्री द्वारा पूरे देश में 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन करने का ऐलान किया गया था. उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधाओं के लिए लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार जरूरी कदम उठा रही है.
नीतीश ने कहा कि कोरोना संक्रमण को भी हम लोग आपदा मान रहे हैं और इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग जरूरी कदम उठा रहा है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग जरूरी कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और उससे जुड़े हुए जितने भी अस्पताल हैं, वहां चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ से सहयोग लिया जा रहा है. नीतीश ने कहा कि हमारा आपसे आग्रह है कि सामाजिक दूरी का पालन करें और लॉकडाउन में रहें. धार्मिक केंद्रों पर भीड़ इकट्ठा ना हो, इसे लेकर उनके प्रतिनिधियों ने पहले ही आश्वस्त किया है.
नीतीश ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों को अलग रखने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को लगाया गया है. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने निर्णय किया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों से सहयोग लिया जाए. उन्होंने कहा कि जो लोग भी बाहर से आ रहे हैं, उनकी सघन जांच की जा रही है. विदेशों से आए सभी लोगों की भी जांच हो रही है. बाहर से आने वाले लोगों के लिए हम सभी को सचेत रहना पड़ेगा लेकिन इसके साथ ही ये देखना भी जरूरी है कि उनके साथ कोई गलत व्यवहार ना हो.
सीएम नीतीश ने कहा कि बाहर से आने वालों के लिए स्कूलों या फिर अन्य चिह्नित जगहों पर उनके लिए आवासन, भोजन एवं चिकित्सकीय सुविधा की सरकार की तरफ से व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि सभी सीमावर्ती इलाकों में आपदा सीमा राहत केंद्र के जरिये बाहर से आए लोगों के लिए भोजन, आवासन एवं चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है. दूसरे राज्यों के साथ भी समन्वय बनाकर वहां फंसे लोगों के लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले दो तीन दिनों में काफी लोग बाहर से आये हैं. अब उनको गाँव तक पहुंचा दिया गया है. लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार ने इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया है. उन्होंने कहा कि दूसरे प्रांतो में फंसे बिहार के लोगों के लगातार फोन आ रहे हैं, तीन हजार से ज्यादा लोगों ने फोन किया है.
नीतीश ने कहा कि लोगों से प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक करीब एक लाख साठ हजार बिहार के लोग, दूसरे प्रांतों में फंसे हुए हैं. नीतीश ने कहा कि लॉकडाउन के कारण लोग घरों में रह रहे हैं लेकिन खाद्यान्न और सब्जियों के लिए वे बाहर निकल सकते हैं. किसानों के लिए अभी कटाई का दौर है. हमें एक दूसरे का ख्याल रखते हुए इन चीजों के बारे में लोगों को बताना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की जांच अब बिहार में कई जगहों पर चल रही है. नीतीश ने कहा कि बिहार के बाहर के लोगों को भी सीएम रिलीफ फंड से मदद दी जा रही है. मुख्यमंत्री राहत कोष से सौ करोड़ रूपये उसमें दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों से भी संवाद किया. संवाद के क्रम में जिलाधिकारियों ने जिले में पृथक केंद्रों, आपदा राहत केंद्र सहित अन्य विषयों की स्थिति की अद्यतन जानकारी दी.
Source : Bhasha