बिहार में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए अब तीन दिन से चार दिनों का इंतजार नहीं करना होगा. अब मात्र 15 मिनट से आधे घंटे में संक्रमितों की पहचान हो जाएगी. इसके लिए संक्रमितों को ना तो लैब आने की जरूरत होगी और ना ही कोई बड़े सेटअप की जरूरत होगी. यहां तक की मोबाइल वैन में भी घूम-घूमकर दूर-दराज के गांवों में भी संक्रमितों की जांच कर उनकी पहचान की जा सकेगी.
यह सब संभव होगा रैपिड एंटीजन जांच प्रणाली से. पटना समेत राज्य के सभी जिले में अगले एक सप्ताह में रैपिड एंटीजन किट से जांच शुरू हो जाएगी. इसके लिए आईसीएमआर ने राज्य के मुख्य सचिव को एक जुलाई को ही पत्र लिखा था. उस पत्र के आलोक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी डीएम और सिविल सर्जन को रैपिड एंटीजन किट से जांच शुरू कराने का निर्देश दिया है. कहा, एक हफ्ते के भीतर बीएमएसआईसीएल के माध्यम से सभी जिलों को ये किट उपलब्ध करा दिए जाएंगे.
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कोरियाई कंपनी का है किट
यह किट दक्षिण कोरियाई कंपनी का है. कंपनी का उत्पादन इकाई गुरुग्राम के बगल में स्थित मानेसर में है. इस किट से एक दिन में हजारों सैंपलों की जांच हो सकती है. आईसीएमआर ने जल्द ही इससे संबंधित किट और एंटीजन मशीन भेजने की बात भी कही है. दिल्ली, मुंबई समेत कई राज्यों में एंटीजन किट से जांच शुरू हो गई है. राज्य में अभी सभी बड़े जांच केंद्रों में आरटी पीसीआर मशीन से जांच हो रही है. सैंपल लेने से लेकर जांच रिपोर्ट आने तक चार दिन से पांच दिन का समय लग जा रहा है. इस मशीन में जांच से पहले भी सैंपल अलग करने से लेकर उनका पुल बनाने तक कई प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है.
जांच के लिए होगी टीम गठित, मिलेगा प्रशिक्षण
किट से जांच के लिए सभी जिले में टेक्नीशियनों की टीम गठित की जाएगी जिसे आईसीएमआर की गाइडलाइन के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस किट के माध्यम से पॉजिटिव पाए जाने वाले संक्रमितों की दोबारा जांच नहीं होगी.
Source : News Nation Bureau