बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ती गई, वैसे-वैसे सरकार द्वारा पाबंदियां भी बढाई जाती रही. बिहार में कोरोना के बढते संक्रमण के मामले पर अंकुश लगाने के लिए आखिरकार सरकार को राज्यभर में अब लॉकडाउन लागना पडा है. वैसे देखा जाए तो जैसे-जैसे संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है, पाबंदियों भी बढाई गई हैं. बिहार में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 3 अप्रैल को स्कूल, कॉलज सहित शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया और सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई थी. तीन अप्रैल को जारी आदेश में 5 अप्रैल से सभी स्कूल कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया, वहीं सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी गई थी. इसके अलावा, सार्वजनिक परिवहन में भी यात्रियों की संख्या को क्षमता के 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया.
कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के मद्देनजर 9 अप्रैल को फिर से नया आदेश जारी किया गया, जिसमें 30 अप्रैल तक सभी दुकानों को शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है. रेस्तरां, ढाबा और होटल को इसमें छूट दी गई है हालांकि उन्हें केवल 25 प्रतिशत ही बैठने की क्षमता का ही इस्तेमाल करना होगा. सिनेमा हॉल, सार्वजनिक परिवहन 50 प्रतिशत क्षमता का उपयोग करने के आदेश दिए गए. धार्मिक स्थलों को भी आमजनों के लिए बंद कर दिया गया.
इसके बावूद जब कोरोना की रफ्तार नहीं थमी तब 18 अप्रैल को नया आदेश निकाला गया, जब राज्य में नाइट कर्फ्यू लगााने का निर्णय लिया गया. नए आदेश में स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थानों का 15 मई तक बंद कर दिया गया है. इसके अलावा, सभी दुकानदारों को शाम छह बजे तक ही दुकान खोलने के निर्देश दिए गए.
इस आदेश के मुताबिक, राज्य में रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू रहेगा. रेस्टारेंट, ढाबा और भोजनालय में बैठकर खाने पर प्रतिबंध रहेगा. रात्रि 9 बजे तक ही होम डिलीवरी का संचालन होगा. सभी दुकान, मंडी सारे बाजार अब शाम 7 बजे के बजाय अब 6 बजे ही बंद हो जाएंगें.
इसके बाद 28 अप्रैल को फिर से नया आदेश जारी किया गया जिसमें दुकानें बंद करने की समय सीमा को शाम 6 बजे से घटाकर 4 बजे किया गया. वहीं, रात्रि कर्फ्यू को रात्रि के 9 से सुबह के 5 बजे की बजाए शाम 6 से सुबह के 6 बजे कर दिया गया. इसके बाद चार मई को सरकार ने पांच मई से 15 मई तक राज्यभर में लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी.
इधर, राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा भी कहते हैं कि जब जैसी आवश्यकता थी, बिहार सरकार ने वैसी पाबंदियां लगाईं. जब संक्रमण बढ़ना आरंभ हुआ तब बिहार के काफी भाई-बहन दूसरे राज्यों में थे. वे वापस अपने गांव लौटना चाहते थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे शीघ्र लौट जाने का आग्रह किया. लॉकडाउन की घोषणा से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी राज्यों से लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में अपनाने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना के मामले बढ़ने लगे तब से सरकार पाबंदियों की घोषणा कर रही है और फिर उसे बढ़ाया जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ती गई
- वैसे-वैसे सरकार द्वारा पाबंदियां भी बढाई जाती रही
- संक्रमण के मामले पर अंकुश लगाने के सरकार लॉकडाउन लागना पडा है