बिहार में कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद सरकार ने अब कार्रवाई प्रारंभ कर दी है. सरकार सभी जिलों के प्रशासन से टेस्ट में गड़बड़ी की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा जांच के लिए स्वास्थ विभाग की 12 टीमों का भी गठन किया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शुक्रवार को दिल्ली से लौटने के बाद पत्रकारों द्वारा इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न में कहा कि इस मामले में कार्रवाई हो रही है. इधर, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जांच में गड़बड़ी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, वहीं पूरे मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई है.
जमुई के स्वास्थ्य अधिकारी निलंबित
पांडेय ने कहा कि जमुई में सिकंदरा और बरहट प्रखंड में गड़बड़ी की बात आई थी, जिसकी जांच करने पर सही पाया गया. उन्होंने कहा कि जमुई के सिविल सर्जन विजेंद्र सत्यार्थी, डीपीओ सुधांशु लाल सहित पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई अन्य स्वास्थकर्मियों पर भी कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में कोविड टेस्ट से जुड़ी गड़बड़ियों की जांच के लिए विशेष टीम भी बनाई गई है, जो अलग-अलग जिलों में जाकर जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने भी सभी जिलाधिकारियों को अपने स्तर से जांच करवाने का निर्देश दिया है.
पूरे राज्य में हो रही है अब जांच
मंत्री ने कहा, 'कुछ जिलों में गड़बड़ी की बात सामने आई है. अब पूरे राज्य में ही गड़बड़ी की जांच करवाई जा रही है. जिसने भी गड़बड़ी की होगी उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा, सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' उल्लेखनीय है कि कोरोना जांच की संख्या को बढ़ाने के लिए किए गए कथित फर्जीवाड़े का मामला शुक्रवार को राज्यसभा में उठाया गया था. राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सदन में इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार से जांच की मांग की थी. कोरोना जांच किट पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से नीतीश सरकार पर विपक्ष खासकर राजद नेता तेजस्वी यादव खासे मुखर हैं.
तेजस्वी नीतीश सरकार पर हमलावर
इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है. तेजस्वी ने आरोप लगाया गया है कि बिहार में फर्जी कोरोना टेस्ट दिखाकर नेता और अधिकारियों ने अरबों रुपये का घोटाला किया है. तेजस्वी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, 'बिहार की आत्माविहीन भ्रष्ट नीतीश कुमार सरकार के बस में होता तो कोरोना काल में गरीबों की लाशें बेच-बेचकर भी कमाई कर लेती.' उन्होंने आगे कहा कि एक अखबार की जांच में यह साफ हो गया है कि सरकारी दावों के उलट कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं और मनगढ़ंत टेस्टिंग दिखा अरबों का हेर-फेर कर दिया.
HIGHLIGHTS
- जमुई में सिविल सर्जन समेत कई निलंबित
- पूरे राज्य में हो रही कोरोना घोटाले की जांच
- तेजस्वी यादव हैं नीतीश सरकार पर हमलावर
Source : IANS/News Nation Bureau