कोरोना वायरस के लड़ाई के बीच बिहार की राजधानी पटना (Patna) का रेलवे स्टेशन अब भूखों के निवाले का सहारा बन गया है. गरीब, असहाय और लाचार लोगों के लिए पटना रेलवे जंक्शन परिसर भोजनालय बन गया है. यहां आरपीएफ के जवान सेवा कर रहे हैं. ज्यों ही दोपहर के बारह बजते हैं, पटना रेलवे स्टेशन के मुख्य परिसर में भीड़ जुटने लगती है. खुद ब खुद करीब 200 से 300 बेसहारा बच्चे और बूढ़े लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल कर पंक्तिबद्ध हो जाते हैं. इस कोरोना वायरस (Corona Virus) संकट में ये सब कुछ समझ रहे हैं. ये सब कुछ ये लोग अपनी भूख मिटाने को कर रहे होते हैं.
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तय वक्त पर रेलवे के बेस चिकन से खाना पहुंचता है. स्टेशन परिसर के बाहर गेट पर दोनों तरफ बेसहारों की लंबी कतार लगती है. किसी दिन बिरयानी, किसी दिन आचार और किसी दिन खिचड़ी बांटी जाती है. इन्हें पत्तल में ये भोजन दिया जाता है. रेलवे के एक अधिकारी की निगरानी में ये व्यवस्था होती है और आरपीएफ के पुरुष और महिलाकर्मी मिलकर इस प्रक्रिया को पूरा करते हैं.
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एक जवान लोगों को कोरोना के संकट से बचने के उपाय बता रहा होता है. पटना के साथ ये व्यवस्था रेलवे ने दूसरे स्टेशन पर भी शुरू किया है. हर स्टेशन क्षेत्र के लिए अलग अलग मांग के अनुसार भोजन भेजा जाता है. ये रेलवे का एक सार्थक प्रयास है और फिलहाल इसकी जरूरत इस संकट में बहुत ज्यादा है, क्योंकि कई लोगों को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है.
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