बिहार में स्वास्थ्य मंत्री की ओर से स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद मधुबनी में फेल होते नजर आ रही है. इलाज से ज्यादा मधुबनी सदर अस्पताल भ्रष्टाचार के धंधे में जकड़ा हुआ है. मधुबनी सदर अस्पताल का एक बड़ा कारनामा न्यूज स्टेट के कैमरे में कैद हुआ है. मधुबनी सदर अस्पताल में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है. तमाम सरकारी कोशिशों के बावजूद चंद कर्मचारियों की वजह से अस्पताल पर सवाल उठते रहते हैं. सदर अस्पताल के एक ऐसे ही कर्मचारी का कारनामा न्यूज स्टेट के कैमरे में कैद हुआ है.
मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए रिश्वत
दरअसल एक युवक सदर अस्पताल में मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने सदर अस्पताल पहुंचा था, लेकिन युवक को सर्टिफिकेट देने के एवज में रुपयों की डिमांड की गई. रिश्वत मांगने का आरोप सदर अस्पताल के कर्मचारी बासुकीनाथ पूर्वे पर लगा. 500 रुपयों की डिमांड की गई, लेकिन डील 300 रुपये में ही हो गई. हलांकि आरोपी कर्मचारी ने 300 रुपये लेने के बाद सर्टिफिकेट तो दे दिया, लेकिन रशीद नहीं दी. हलांकि रशीद के नाम पर सिविल सर्जन का पर्चा युवक को थमा दिया गया. सदर अस्पताल में रिश्वत के इस खेल पर जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग की खामोशी सवालों में है.
कुल मिलाकर स्वास्थ्य महकमे को स्वस्थ बनाने के लिए मिशन 60 पूरी तरह से यहां फेल हैं. मधुबनी सदर अस्पताल में बासुकीनाथ पूर्वे जैसे अकेले ऐसे कर्मचारी नहीं हैं, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. कई ऐसे कर्मचारी हैं, जो अबतक बड़े-बड़े अधिकारियों की शह पर सदर अस्पताल में रिश्वत का मैदान तैयार कर बैठे हैं और इस मैदान में ऐसे ही भ्रष्ट खिलाड़ी जमकर खेलते हैं.