केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र स्थित सदर अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है. बक्सर सदर अस्पताल में 23 जुलाई को ली गई दो तस्वीरें बहुत तेजी से वायरल हो रही हैं. तस्वीर में एक महिला ट्रे में अपने नवजात को ले रखा है और कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लिए एक व्यक्ति दिख रहा है. कांधे पर ये सिलेंडर कोई मामूली सिलेंडर नहीं, बल्कि बक्सर की स्वास्थ्य व्यवस्था की है, जहां कागजी कार्रवाई पूरी होते-होते एक नवजात की जान चली गई. पीड़ित व्यक्ति ने फोन पर निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल के बदइंतजामी की सारी कहानी सुनायी. वहीं, आनन-फानन में सिविल सर्जन ने डीएस को तो जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी दे दी.
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अस्पताल के कर्मचारियों ने डिलिवरी कराने से कर दिया इनकार
बता दें कि राजपुर के सखुआना गांव के निवासी सुमन कुमार ने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने डिलिवरी कराने से इनकार कर दिया. जिसके बाद वो अपनी पत्नी को निजी अस्पताल में लेकर चला गया. वहां डिलीवरी तो हुई, लेकिन शिशु को सांस लेने में तकलीफ होने पर कर्मियों ने पिता के कंधे पर ऑक्सीजन का सिलेंडर और प्रसूता को ट्रे में नवजात को देकर सदर अस्पताल का रास्ता दिखा दिया. 18 किमी की दूरी तयकर लाचार दंपती सदर अस्पताल पहुंचे. जहां कागजी कार्यवाही पूरा करते-करते डेढ़ घंटे में ही नवजात ने दम तोड़ दिया.
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मामला सोशल मीडिया पर वायरल
अस्पताल प्रशासन की बेशर्मी यहीं नहीं रुकी. शव के साथ दपंती को घर भेजने के लिए अस्पातल प्रशासन की तरफ से कई इंतजाम भी नहीं किया गया. इस दौरान सदर अस्पताल में ही मौजूद किसी व्यक्ति ने इस घटना की दो तस्वीर खींचकर मीडिया को दे दिया. जिसके बाद ये मामला उजागर हो सका. सिविल सर्जन जितेंद्रनाथ ने बताया कि जांच के लिए डिप्टी सुपरिटेंडेंट को जिम्मेदारी दी गई है. इस मामले में जुड़े सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.