बिहार में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिलने वाली सरकारी आवास की सुविधा की खत्म हो गई है. चीफ जस्टीस एपी शाही की खंडपीठ ने मामले पर फैसला देते हुए कहा कि ये असंवैधानिक है और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग है. कोर्ट ने इस मामले पर पहले से ही फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया.
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बंगला खाली करने के आदेश पर कहा, हम न्यायालय का सम्मान करते हैं, मगर कुछ अवधि का विकल्प होता तो बेहतर होता. नीतीश कुमार की सरकार ने बखेड़ कर दिया है. मुख्यमंत्री के पास तो कई बंगले हैं. मेरा बंगला बतौर विधायक भी यही रहा और अब भी यही है. कोर्ट ने बिहार में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिलने वाली सरकारी आवास की सुविधा को खत्म करने के आदेश दिए हैं.
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गौरतलब है कि गत दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने राजधानी पटना में 5 देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली कर दिया था. कोर्ट ने बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. बिहार सरकार ने अपने फैसले में तेजस्वी से पटना में एक बंगले को खाली करने को कहा था, जो उन्हें उप-मुख्यमंत्री रहने के दौरान आवंटित किया गया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 'अदालत का कीमती समय' बर्बाद करने के लिए तेजस्वी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
Source : News Nation Bureau