नालंदा जिला के नगरनौसा थाना के हाजत में जदयू के दलित प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष गणेश हत्याकांड के मामले में बिहारशरीफ कोर्ट ने हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 2 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. नालंदा जिला न्यायालय बिहार शरीफ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एससी-एसटी की स्पेशल जज प्रतिभा की अदालत के द्वारा यह सजा सुनाई गई है. आईपीसी की धारा 302 एवं sc-st एक्ट के तहत दोषी मानते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष कमलेश कुमार और एक पुलिसकर्मी बलिंदर राम को आजीवन कारावास के साथ-साथ अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. आईपीसी की धारा 302 के तहत तक 25000 रुपये जबकि एससी एसटी एक्ट के तहत 60000 रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
आपको बता दें कि नालंदा जिले के नगरनौसा थाना के हाजत में जदयू नेता गणेश रविदास की मौत हो गई थी. इस मामले में पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में तत्कालीन थानेदार कमलेश कुमार समेत 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. सुनवाई के बाद एडीजे तीन सह एससी-एसटी की स्पेशल जज प्रतिभा ने थानेदार और एक अन्य पुलिसकर्मी बलिदंर राय को सोमवार को दोषी करार दिया. साक्ष्य के अभाव में अन्य सात अभियुक्तों को रिहा कर दिया गया.
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने आरोपित चौकीदार संजय पासवान, जितेन्द्र कुमार और ग्रामीण नरेश साव, पवन साव, देवीनंदन कुमार, दयानंद साव और कमलेश साव को रिहा कर दिया. सुनवाई के दौरान ही एक अन्य आरोपित पुलिसकर्मी तेज नारायण राय की मौत हो चुकी है.
स्पेशल पीपी राणा रंजीत सिंह ने अभियोजन का पक्ष रखा. वहीं, अधिवक्ता शैलेश कुमार सिन्हा और ध्रुव कुमार सिंह ने बचाव पक्ष की ओर से बहस की. स्पेशल पीपी ने बताया कि सैदपुरा गांव निवासी बलिराम रविदास ने पिता गणेश रविदास की हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा कराया था. उसका आरोप था कि पुलिस गणेश को घर से उठाकर ले गई थी. 11 जुलाई की शाम में चौकीदार ने परिजन को सूचना दी कि गणेश की मौत हो गई है. मृतक के शरीर पर चोट के कई जख्म पाए गए थे.
दरअसल आपको बता दें कि 10 जुलाई 2019 को पुलिस ने लड़की के अपहरण के मामले में सैदपुरा गांव निवासी जदयू के तत्कालीन महादलित प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष गणेश रविदास को गिरफ्तार किया था. 11 जुलाई को थाने में ही खिड़की से टंगी उनकी लाश बरामद की गई थी. पुलिस का दावा था कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. वहीं, मृतक के पुत्र बलिराम रविदास समेत अन्य ग्रामीण हाजत में ही पीटकर हत्या का आरोप लगा रहे थे. 12 जुलाई को सड़क जाम के बाद पुलिस-पब्लिक में जमकर झड़प हुई थी. बाद में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर थानेदार, जमादार और चौकीदार को गिरफ्तार किया गया और 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. बिहारशरीफ कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एससी एसटी स्पेशल न्यायाधीश प्रतिभा की कोर्ट के द्वारा दो आरोपी तत्कालीन थानाध्यक्ष कमलेश कुमार और एक पुलिसकर्मी बलिंदर राम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
रिपोर्ट : शिव कुमार
Source : News Nation Bureau