सरकार के खिलाफ फूटा दफादारों और चौकीदारों का गुस्सा, कर रहे ये मांग
धरना प्रदर्शन कर रहे बिहार राज्य दफादार चौकीदार पंचायत की मांग है कि सरकार पूर्व सेवानिवृत्त दफादारों और चौकीदारों के आश्रितों की बहाली करे और बैंक में उनकी ड्यूटी ना लगाई जाए. साथ ही डाक विभाग में ड्यूटी ना लगाने और कैदी एस्कॉर्ट में भी उनकी ड्यूटी
बिहार के दफादारों और चौकीदारों का गुस्सा सरकार के खिलाफ फूट पड़ा है और आज पटना के गर्दनीबाग में बिहार राज्य दफादार चौकीदार पंचायत के तत्वाधान में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. धरना प्रदर्शन कर रहे बिहार राज्य दफादार चौकीदार पंचायत की मांग है कि सरकार पूर्व सेवानिवृत्त दफादारों और चौकीदारों के आश्रितों की बहाली करे और बैंक में उनकी ड्यूटी ना लगाई जाए. साथ ही डाक विभाग में ड्यूटी ना लगाने और कैदी एस्कॉर्ट में भी उनकी ड्यूटी ना लगाने की मांग कर रहे हैं.
'न्यूज स्टेट बिहार झारखंड' से बातचीत में चौकीदारों और दफादारों का दर्द साफ झलका. उनका कहना था कि वो भी पुलिस की तरह खाकी पहनते हैं और उनकी तैनाती नियमों के मुताबिक, पुलिस की मदद के लिए की जाती है लेकिन उन्हें बात-बात पर बिना गलती के थानेदार की झूठी अनुशंसा पर भी निलंबित कर दिया जाता है. प्रदर्शन कर रहे चौकीदारों और दफादारों के मुताबिक, पुलिस द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है और जो दफादार या चौकीदार ईमानदारी से काम करता है उसे थानेदार की झूठी शिकायत पर 24 घंटे के अंदर सस्पेंड कर दिया जाता है.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर शराबबंदी कानून पूरी तरह से कामयाब ना होने देने का भी आरोप लगाया. प्रदर्शन कर रहे संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा कि चौकीदार और दफादार पुलिस को अवैध शराब की सूचना देते हैं लेकिन शराब कारोबारियों को पकड़ने की बजाय थानाध्यक्ष उस चौकीदार और दफादार को ही फर्जी तरीके से मनगढ़ंत आरोप लगाकर सस्पेंड करवा देता है. हम पुलिस की मदद करते हैं लेकिन पुलिस हमें प्रताड़ित करती है.