बिहार के मंत्री रत्नेश सदा ने सीतामढ़ी में एक कार्यक्रम के दौरान दलित समुदाय के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि शराब तस्कर करने वाले दलित लोगों की गरीबी और अशिक्षित होने का फायदा उठाते हैं और पैसों का लालच देकर इनसे शराब तस्करी करवाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि एससी\एसटी के लोग अवैध शराब तस्करी को लेकर बदनाम हैं. शराब माफिया लगातार इनकी गरीबी का फायदा उठा रहे हैं और इन्हें शराब तस्करी से जोड़ रहे हैं. जब गरीब लोग शराब तस्करी में पकड़े जाते हैं तो इन्हें सीधा जेल में डाल दिया जाता है और शराब तस्कर बच जाते हैं.
'पैसों की लालच में दलित कर रहे हैं शराब की डिलीवरी'
आगे बोलते हुए मंत्री जी ने कहा कि दलित समुदाय के लोग अशिक्षित होते हैं और शराब माफिया इनका फायदा उठा रहे हैं. बिहार में शराब की होम डिलिवरी हो रही है. इसमें दलित लोगों को पैसों का लालच देकर शामिल किया जाता है. रत्नेश सदा की बात करें तो वह खुद एक महादलित समुदाय से आते हैं और बिहार में जाने-माने दलित नेता हैं. यह पहली बार नहीं है जब बिहार में शराबों की तस्करी या होम डिलीवरी को लेकर किसी नेता ने बयान दिया हो.
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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी उठा चुके हैं शराब तस्करी का मुद्दा
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी अकसर शराब तस्करी का मुद्दा उठाते रहते हैं. मांझी ने हाल ही में यह दावा किया था कि प्रदेश में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी शराब का सेवन कर रहे हैं. प्रदेश में तीन बार शराब कानून में संशोधन किया जा चुका है. बता दें कि बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. बावजूद इसके प्रदेशभर से अकसर शराब तस्करी की खबरें सामने आती रहती है. नीतीश सरकार ने महिलाओं की मांग पर इस कानून को राज्य में लागू किया था.