बिहार में शिक्षा और शिक्षक दोनों का एक ही हाल है. न तो बच्चों को शिक्षा मिल पा रही है और न ही शिक्षकों को उनका भुगतान. आय दिन शिक्षक धरना देते और आंदोलन करते नज़र आते हैं. लेकिन इस बार कुछ अलग ही देखने को मिला है. बिहार के संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शशिनाथ झा से जुड़ा मामला है. जहां आज उनकी पटना हाईकोर्ट कोर्ट में पेशी थी. वहीं, उन्होंने कोर्ट को आश्वासन भी दिया कि चार सप्ताह के अंदर फरियादी को पेंशना का भुगतान कर देंगे.
कोर्ट में नहीं आए कुलपति तो जज ने लगाई फटकार
बुधवार को ही उन्हें हाईकोर्ट में बुलाया गया था. लेकिन वो कोर्ट में नहीं आए. जिस कारण कोर्ट के साथ सभी का समय व्यर्थ गया. ऐसे में जज ने उन्हें फटकार लगाई और अदालत ने कुलपति के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया था. जिस पर उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी की उनको कोर्ट में पेश होना है, वरना वो ऐसा बिलकुल भी नहीं करते. उन्होंने कहा कि चार सप्ताह में फरियादी को बकाया की सारी राशि का भुगतान करा दिया जाएगा. वहीं, जज ने फटकार लगाते हुए कहा कि दोबरा कभी भी संस्कृत विश्वविद्यालय का कोई भी मुकदमा लेकर उक्त अधिवक्ता को उनकी अदालत में पैरबी के लिए नहीं भेजेंगे.
बता दें कि सर्वजीत संस्कृत उपशास्त्री महाविद्यालय दरभंगा के प्रध्यापक रहे स्व रमेशचन्द्र झा की पत्नी लक्ष्मी देवी ने पेंशना के भुगतान के लिए हाईकोर्ट में उक्त सिविल याचिका दायर की थी. रमेशचन्द्र झा 31 जनवरी 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे.
Source : News Nation Bureau