राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा अपने पिता लालू प्रसाद के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताए जाने के बाद लालू यादव (Lalu Yadav) को पैरोल पर रिहा करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद को इस कोरोना के दौर में उनके स्वास्थ्य को देखते हुए पैरोल देनी चाहिए. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह न्यायालय का मामला है.
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इधर, युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार और कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय ने कहा कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का इलाज कर रहे डक्टर का कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की खबर चिंताजनक है. कोरोना संकट से जूझ रहे बिहार की जनता को सुरक्षित रखने की चुनौती के बीच 72 वर्ष की उम्र में लालू अनेक क्रानिक बीमारियों से जूझ रहे हैं. कोरोना का बढ़ते संक्रमण में लालू प्रसाद अधिक असुरक्षित हैं इसलिए उन्हें अत्यधिक सुरक्षा और सावधानी चाहिए.
नेताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना से संभावित खतरे को देखते हुए एहतियातन सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का आदेश राज्य सरकारों को दिया है, इस कारण झारखंड सरकार को जल्द इस पर विचार करना चाहिए. इधर, जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा, 'जब उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार जेलों से कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा रहा है तो लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर रिहा क्यों नहीं किया जा सकता?'
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उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पैरोल के लिए अपील करते हुए कहा, 'मैं हेमंत सोरेन से आग्रह करता हूं कि लालू यादव की उम्र और खराब सेहत को देखते हुए उन्हें 24 घंटे के भीतर पैरोल पर रिहा किया जाए. अगर देर हुई तो लालू जी की तबियत और खराब हो सकती है.' उल्लेखनीय है कि मंगलवार को तेजस्वी ने अपने पिता लालू प्रसाद के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की थी. चर्चित चारा घोटाले के कई मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद इन दिनों स्वास्थ्य कारणों से रांची के रिम्स में भर्ती हैं.
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