दामाद-नाती बने कलयुग के श्रवण, बाबा के दर्शन कराने बहंगी में लेकर पहुंचे समस्तीपुर

सावन का महीना चल रहा है और सड़क पर हर तरफ कांवड़िये नजर आ रहे हैं, इसी बीच बिहार के समस्तीपुर में सास-ससुर की आखिरी इच्छा के लिए दामाद श्रवण कुमार बन गए. इस नज़ारे को देख हर कोई दंग रह गया. बता दें कि दामाद के साथ नाती भी इसमें सहभागी बना.

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Ritu Sharma
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कलयुग के श्रवण( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

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सावन का महीना चल रहा है और सड़क पर हर तरफ कांवड़िये नजर आ रहे हैं, इसी बीच बिहार के समस्तीपुर में सास-ससुर की आखिरी इच्छा के लिए दामाद श्रवण कुमार बन गए. इस नज़ारे को देख हर कोई दंग रह गया. बता दें कि दामाद के साथ नाती भी इसमें सहभागी बना. दोनों ने बुजुर्ग दंपती को बहंगी में बिठाकर 40 किमी तक की दूरी पैदल तय की. वहीं, बेगुसराय जिले के बछवाड़ा के झमटिया घाट से दामाद और नाती ने बुजुर्ग दंपती को बहंगी में बिठाया और कंधे पर उठाकर समस्तीपुर पहुंचे, जहां उन्होंने सावन की दूसरी सोमवारी को प्रसिद्ध थानेश्वर मंदिर में जलाभिषेक किया. जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिला के पिपरी थाना क्षेत्र निवासी लखन साह (99 वर्ष) और बनारसी देवी (96 वर्ष) ने दामाद महेश्वर साह और नाती धर्मेंद्र कुमार साह को अंतिम इच्छा बताते हुए सावन की सोमवारी को जलाभिषेक की बात कही. इसके साथ ही बुजुर्ग दंपत्ति कांवर लेकर जलाभिषेक करना चाहते थे, लेकिन उम्र और शरीर की लाचारी के कारण दोनों बेबस नजर आ रहे थे. इसके बाद दामाद और पोते ने अंतिम इच्छा पूरी करने की कसम खाई, दोनों ने बुजुर्ग दंपत्ति के लिए बहंगी बनाई और उसमें बिठाकर शनिवार दोपहर से यात्रा शुरू की.

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झमटिया से जल लेकर पहुंचे समस्तीपुर 

बता दें कि उजियारपुर थाने के नाजिरपुर पंचायत के जवाहरपुर गांव निवासी महेश्वर साह ने बताया कि शनिवार की दोपहर दो बजे झमटिया से गंगा जल लेकर यात्रा शुरू हुई. शनिवार की रात्रि विश्राम दलसिंहसराय में हुआ, रविवार की सुबह दलसिंहसराय से समस्तीपुर के लिए यात्रा शुरू की, दामाद और पोता रविवार की रात 10:30 बजे विशनपुर पहुंचे. इसके बाद सोमवार की सुबह फिर बुजुर्ग दंपत्ति ने समस्तीपुर के थानेश्वर मंदिर में जलाभिषेक किया. सावन में कांवर पथ से सामने आई ये तस्वीर बताती है कि कलयुग में भी ऐसे लोग देखने को मिलते हैं जो अपने माता-पिता को भगवान का दर्जा देते हैं, तभी तो लोग दामाद और पोते की सराहना करते नहीं थक रहे हैं.

यात्रा में थे पूरे परिवार शामिल

आपको बता दें कि इस दौरान उनके परिवार के अन्य लोग भी सहयोगी बनकर यात्रा में शामिल हुए. इसमें ''मणिकांत कुमार, शुभम कुमार, रोहित कुमार, दीपक कुमार, राहुल कुमार, शिवम कुमार, राजू कुमार, राजा कुमार, काजल कुमारी समेत 14 लोग इस यात्रा के सहभागी बने.''

HIGHLIGHTS

  • कलयुग के श्रवण बने दामाद-नाती
  • बाबा के दर्शन कराने बहंगी में लेकर पहुंचे समस्तीपुर
  • नज़ारा देख हर कोई हो गया हैरान 

Source : News State Bihar Jharkhand

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