बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार सूबे के अस्पतालों का भ्रमण करते रहते हैं. इस बार वह SKMCH मुजफ्फरपुर में शनिवार रात्रि अचानक निरीक्षण करने पहुंच गए. निरीक्षण के क्रम में तेजस्वी यादव में अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों से उनका हाल चाल जाना और स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अस्पताल में तैनात डॉक्टरों से भी बात की और उन्हें मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही ना बरतने की बात कही. तेजस्वी यादव ने अस्पताल में लगभग हर विभाग का निरीक्षण किया.
गायब मिले कई डॉक्टर
औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल से वो डॉक्टर नदारद मिले जिनकी ड्यूटी थी. अधिकतर डॉक्टरों के नदारद रहने पर तेजस्वी यादव काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. बता दें कि तेजस्वी यादव सीतामढ़ी में आयोजित माता सीता के प्राकट्य दिवस जानकी नवमी के अवसर पर दो दिवसीय सीतामढ़ी महोत्सव उद्घाटन करने के बाद पटना वापस लौट रहे थे. इसी क्रम में अचानक मुज़फ़्फ़रपुर के एसकेएमसीएच में करीब 12 बजे रात्रि में पहुंचे थे. आधे घंटे तक इमरजेंसी से लेकर बच्चा वार्ड, बर्न वार्ड और आईसीयू का तेजस्वी यादव ने निरीक्षण किया.
औचक निरीक्षण की तस्वीरों को तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'रात्रि में श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, (SKMCH), मुजफ्फरपुर का औचक निरीक्षण कर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति, रोस्टर, स्वास्थ्य उपकरणों, दवाओं की उपलब्धता तथा स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवाओं के निष्पादन और क्रियान्वयन का जायजा लिया.'
रात्रि में श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, (SKMCH), मुजफ्फरपुर का औचक निरीक्षण कर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति, रोस्टर, स्वास्थ्य उपकरणों, दवाओं की उपलब्धता तथा स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवाओं के निष्पादन और क्रियान्वयन का जायजा लिया। pic.twitter.com/W6dC5ASQKU
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 30, 2023
'मिशन 60' का बुरा हाल
बेशक तेजस्वी यादव अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हों, लापरवाह किस्म के डॉक्टरों पर कार्रवाई भी कर रहे हों लेकिन अभी भी बिहार में 'मिशन 60' का जमीन पर असर नहीं दिख रहा है. अक्सर बिहार के स्वास्थ्य महकमें की खामियां सामने आती रहती हैं. कहीं, ठेले पर मरीजों का इलाज किया जाता है तो कहीं पर शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस नहीं दिया जाता. वहीं, मिशन 60 को लेकर तेजस्वी यादव का कहना है कि मिशन-60 के बाद हमारा निरंतर प्रयास मिशन क्वॉलिटी के अन्तर्गत स्वास्थ्य सेवाओं में ओर अधिक बेहतरी एवं गुणवत्ता लाने का है. मिशन-60 के बाद अब हम बाकी बची हुई समस्याओं, कमियों और जमीनी खामियों को नजदीक से देख और जान रहे है ताकि इनका भी पूर्णरूपेण निराकरण कर सकें.
मिशन-60 के बाद हमारा निरंतर प्रयास मिशन क्वॉलिटी के अन्तर्गत स्वास्थ्य सेवाओं में ओर अधिक बेहतरी एवं गुणवत्ता लाने का है। मिशन-60 के बाद अब हम बाकी बची हुई समस्याओं, कमियों और जमीनी खामियों को नजदीक से देख और जान रहे है ताकि इनका भी पूर्णरूपेण निराकरण कर सकें। pic.twitter.com/pq9BgZDAfj
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 30, 2023
मरीज का ठेले पर किया इलाज, शव के लिए एंबुलेंस भी नहीं
दिनांक 29 दिसंबर 2023
हाजीपुर में हेल्थ सिस्टम का बुरा हाल है. अस्पताल में जगह नहीं मिलने पर यहां एक मरीज का इलाज डॉक्टर ने ठेले पर ही किया और कुछ देर बाद मरीज की मौत हो जाने के बाद उसे एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई गई. पीड़ित परिजनों का कहना है कि उन्होंने एंबुलेंस की मांग की, लेकिन अस्पताल में दो एंबुलेंस होने के बावजूद उन्हें एंबुलेंस नहीं दी गई. मजबूरन परिजनों को ठेले पर ही शव को घर लेकर जाना पड़ा. वहीं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में शव वाहन नहीं है और मरीज अस्पताल में नहीं आया था गेट पर ही था.
जानकारी के अनुसार महनार के देशराजपुर निवासी अरुण पासवान की तबियत अचानक बिगड़ गई थी. जिसको चिंताजनक हाल में परिजन ठेले पर लेकर महनार पीएचसी पहुंचे और ठेले पर ही महनार पीएचसी के डॉक्टर ने इलाज किया और ठेले पर ही उसकी मौत हो गई. फिर ठेले से ही परिजन अरुण के शव को लेकर घर चले गए. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या मरीज को अस्पताल के अंदर नहीं ले जाना चाहिए था? क्या मरने के बाद अस्पताल प्रशासन को एम्बुलेंस से शव नहीं भेजना चाहिए था?
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मधेपुरा में टोटो में महिला की हुई डिलीवरी
दिनांक 14 जनवरी 2023
एक गर्भवती महिला को काफी दर्द हो रहा था. उसे प्रसव के लिए मधेपुरा सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन अस्पताल में महिला डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी के लापरवाही से उन्हें जल्दी बाजी में भर्ती नहीं किया गया. इसी बीच महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी. जिसके बाद उसकी डिलीवरी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने खड़ी टोटो रिक्शा में ही हो गई.
बच्चे के जन्म के बाद भी प्रसूता के पास न तो नर्स आई और न ही डॉक्टर. पीड़िता की परिजनों के शोर मचाने के बाद एक आशा ने उन्हें मदद करते हुए बच्चे को गोद में लेकर प्रसूति वार्ड में ले जाने को कहा गया.
जमुई में ठेले पर शव ले गए परिजन
दिनांक 22 जनवरी 2023
एक तरफ बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ये दावा करते हैं कि 'मिशन 60' के तहत सूबे के सभी सदर अस्पातालों के हालात बदल रहे हैं लेकिन अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं जो तेजस्वी यादव के दावों की पोल खोलती रहती हैं. कभी ठेले पर मरीजों का उपचार किया जाता है, कभी ठेले पर लादकर शव को ले जाने के लिए लोग मजबूर रहते हैं. जमुई सदर अस्पताल में शव को ले जाने के लिए भी मृतक के परिजनों को एंबुलेंस नहीं मिलता. दरअसल, उझंडीह गांव के राजो मांझी को एंबुलेंस नहीं मिले पर ठेले पर ही वृद्ध को एक युवक इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जाता है. सदर अस्पताल पहुंचने पर भी डॉक्टर बुजुर्ग को अस्पताल में लेकर जाना मुनासिब नहीं समझते. बुजुर्ग ठेले पर ही दम तोड़ देता है.
यहां बड़ी बात ये भी देखने को मिली की बार-बार एंबुलेंस बुलाने के लिए 102 नंबर पर बुजुर्ग के परिजन कॉल करते रहे लेकिन हर बार उन्हें नंबर बिजी ही मिला. मजबूर होकर बुजुर्ग को परिजन खुद अपने ठेले पर इलाज के लिए रविवार की सुबह सदर अस्पताल पहुंचे थे. अस्पताल पहुंचने के बाद भी डॉक्टरों द्वारा बुजुर्ग का चेकअप ठेले पर ही किया गया और उसे मृत घोषित कर दिया गया. अब यहां स्वास्थ्य महकमें और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के दावों की एक बार फिर से पोल खुल गई. वैसे तो सदर अस्पताल, जमुई को 2-2 एंबुलेंस दिए गए हैं लेकिन चिकित्सकों द्वारा मृत बुजुर्ग का शव ले जाने के लिए उसके परिजनों को एंबुलेंस नहीं दिया गया. नतीजन शव को परिजन ठेले पर ही लेकर घर लौट गए.
HIGHLIGHTS
- SKMCH मुजफ्फरपुर का डिप्टी सीएम ने किया निरीक्षण
- मरीजों से तेजस्वी यादव ने की बातचीत
- डॉक्टरों को दिए उचित दिशा निर्देश
- अस्पताल प्रबंधन के कार्यों पर तेजस्वी यादव ने जताया संतोष
Source : News State Bihar Jharkhand