सावन महीनें में भगवान भोले नाथ की आराधना की जाती है. भक्त अपनी शक्ति के अनुसार भक्ति करते हैं. इस महीनें में लोग पैदल देव घर जातें हैं और भगवान शिव को जल अर्पण करते हैं. कई लोग ऐसे भी होतें हैं जो असमर्थ होते हैं, देवघर जानें में पर कहते है न की जब मन में दृढ़ संकल्प हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता है. सिक्किम गंगटोक के रहने वाले श्रद्धालु बम अपने विकलांग भाई राहुल मित्तल को लेकर 9 साल से देवघर पैदल ही जा रहें हैं.
दरसल, सिक्किम गंगटोक के रहने वाले एक श्रद्धालु अपने विकलांग भाई राहुल मित्तल को लेकर पिछले 9 साल से सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा बैजनाथ देवघर में जलाभिषेक करके अपने विकलांग शरीर को स्वास्थ्य होने की बाबा से विनती करते हैं. इतना ही नहीं राहुल देवघर में पूजा अर्चना के बाद बासुकीनाथ भी पैदल चल कर बाबा बासुकीनाथ पर जलाभिषेक कर अपने शरीर को स्वस्थ होने की मनोकामना करते आ रहे हैं.
उनका कहना है कि बाबा के पास आने से मेरे में काफी सुधार हुआ है. इसलिए हम प्रत्येक साल अपने भाई के साथ सुल्तानगंज से जल भरकर बाबा धाम आते हैं. बाबा भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है. शिवभक्त श्रद्धालु अपने मनोकामना के लिए आते हैं. जिनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है वो हर साल देव घर आतें हैं, दर्शन के लिए. राहुल मित्तल जैसे अनेकों भक्त हर साल आतें हैं बाबा भोले नाथ पर जलाभिषेक करने, कहते है की सच्चे मन से मांगी गई इच्छा कभी अधूरी नहीं रहती है.
Source : News Nation Bureau