बिहार (Bihar) के अंदर शराबबंदी कानून लागू है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार ने 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी. लेकिन बिहार में जब से ये कानून लागू हुआ है, तभी से राज्य शराब के कारण ही चर्चा में रहा है. कभी पुलिस के मालखाने से शराब को चूहे पी गए तो कभी पुलिस और सरकारी अधिकारी शराब के नशे में धुत मिले. हालांकि राज्य के अंदर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में विपक्षी दल फिर से शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार के समर्थन में हैं. इस बीच बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय द्वारा शराबबंदी पर दिए गए एक बयान ने अब तूल पकड़ लिया है.
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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय के बयान का वीडियो वायरल हो रहा है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का यह वायरल वीडियो औरंगाबाद में शनिवार के एक कार्यक्रम का बताया जा रहा है. वीडियो में वह कह रहे हैं कि थाना प्रभारी और चौकीदार चाहेंगे, तभी राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो सकती है. उन्होंने कहा है कि थाने के सरंक्षण बिना कोई एक बोतल शराब नहीं बेच सकता है.
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सभी चौकीदार और थानेदार को पता है कि बिहार में शराब कौन बेच रहा है और कौन पी रहा है. उन्होंने साफ कहा है, 'अगर किसी थानेदार को यह पता नहीं तो वह अपने पद पर रहने लायक नहीं है. बिना थाना की जानकारी के पत्ता भी नहीं हिल सकता, कोई माई का लाल एक बोतल दारू नहीं बेच सकता.'
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हालांकि बिहार पुलिस एसोसिएशन ने डीजीपी के बयान पर एतराज जताया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने पुलिस महानिदेशक के इस बयान पर कहा कि कुछ पुलिसकर्मी शराब की बिक्री में शामिल हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है. हालांकि, सभी पुलिसकर्मियों पर सार्वजनिक रूप से सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए.
Source : News Nation Bureau