जल्द ही दिवाली का त्योहार आने वाला है. दिवाली के आते ही घर, मुहल्ले, शहर पूरी तरह से रोशनी से जगमगा उठता है. वहीं, दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है. धनतेरस को धन त्रियोदशी के नाम से भी जाना जाता है. दिवाली में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के साथ ही कुबेर की भी पूजा की जाती है. लक्ष्मी-गणेश जी के साथ ही कुबेर जी या कुबेर यंत्र की भी विधिपूर्वक पूजा की जाती है. क्या आपको पता है कि दिवाली में कुबेर की पूजा क्यों की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुबेर को देवाताओं के धन का कोषाध्यक्ष कहा जाता है. कुबेर को धनपति भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि कुबेर के पास धन का अक्षय भंडार है, जो कभी खत्म नहीं होता है. कुबेर की पूजा से धन स्थाई होता है और उसमें कभी कमी नहीं आती है.
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माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी कहा जाता है, लेकिन वह चंचला है, एक समय तक एक जगह पर स्थिर नहीं होती. इसलिए दिवाली पर माता लक्ष्मी के साथ ही कुबेर की भी पूजा करते हैं. ताकि कुबेर धन की सुरक्षा करें.
कैसे करें कुबेर की पूजा
1. धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में धन्वंतरि देव की पूजा के बाद कुबेर की पूजा की जाती है. ध्यान रखें कि कुबेर देव की पूजा के समय कुबेर यंत्र को जरूर स्थापित करें.
2. कुबेर यंत्र को पूजा के समय दक्षिण दिशा में रखना चाहिए और हाथों में गंगाजल लेकर विनियोग मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
3. इसके बाद गंगाजल को भूमि पर छिड़क दें और कुबेर मंत्र का जाप करें. हमेशा मंत्रों का साफ उच्चारण करना चाहिए.
इस मंत्र का करें प्रयोग-
जपतामुं महामन्त्रं होमकार्यो दिने दिने.
दशसंख्य: कुबेरस्य मनुनेध्मैर्वटोद्भवै.
क्या होता है कुबेर यंत्र
हिंदु शास्त्रों के अनुसार अलग-अलग प्रयोजनों के लिए अलग-अलग यंत्र होते हैं. इन्हीं में से एक है कुबेर यंत्र, जिसे आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए घर में विधि विधान के द्वारा स्थापित किया जाता है. ताकि घर में धन संपत्ति बनी रहे.
कैसे करें कुबेर यंत्र को स्थापित
श्री कुबेर यंत्र को खरीदें और घर लाए. यंत्र को पीले कपड़े में लपेटकर मंदिर के सामने किसी बर्तन पर रख दें. जिसके बाद स्नान कर धूले कपड़े पहनकर एक अलग बर्तन में गंगाजल और कच्चा दूध ले लें. जिसके बाद यंत्र को पीले कपड़े से निकालकर उस पर गंगाजल या फिर कच्चे दूध से अभिषेक करें. अभिषेक के बाद 11 या 21 बार ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:' मंत्र का जाप करें. जिसके बाद कुबेर देवता से संपत्ति या आर्थिक समस्या के निवारण के लिए प्रार्थना करें और फिर उसे अपने मंदिर में या फिर तिजोरी में स्थापित कर दें.
HIGHLIGHTS
- क्यों करते हैं कुबेर की पूजा
- कैसे करें कुबेर की पूजा
- एक गलती से हो सकते हैं कंकाल!
Source : News State Bihar Jharkhand