कोरोना वायरस (corona virus) के संकट के बीच बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने तैयारियां तेज कर दी है. कोरोना काल में बीजेपी चुनाव से पहले ही हर विधानसभा सीट की जनता तक संपर्क के लिए नए-नए तरीके खोजने में जुटी है. बीजेपी ने बिहार चुनाव (Bihar Elections 2020) के लिए डिजिटल प्रचार की रणनीति बनाई है. इसी के तहत बिहार में 6 जून से डिजिटल कैंपेनिंग की शुरुआत करने वाली है. जबकि देश के गृह मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह (Amit Shah) 9 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में वर्चुअल रैली करेंगे.
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बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में जानकारी देते हुए कहा कि 9 जून को गृह मंत्री अमित शाह की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार के लोगों के लिये वर्चुअल रैली होगी. इसमें एक लाख लोगों को जोड़ने की हमारी कोशिश होगी. डिजिटल मतदान को लेकर संजय जायसवाल ने कहा कि डिजिटल चुनाव प्रचार की भूमिका बिहार के चुनाव में होगी, मगर डिजिटल वोटिंग मुश्किल दिखता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से पहले आधार कार्ड के वेरिफिकेशन की बात हो जाए, अभी तक तो आधार का इस्तेमाल केंद्र की योजनाओं में ज्यादातर होता है.
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इसके साथ ही बीजेपी सांसद और प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पदभार ग्रहण किया था. उनका वो कार्यकाल कांग्रेस के समय की खामियां को दूर करने में लगा. गरीबों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत हुई थी और PoK तक में कार्रवाई हुई. उन्होंने कहा कि पहले 5 वर्ष के कार्य की परिणति 2019 थी. अचानक कोरोना वैश्विक महामारी का सामना करना पड़ा, मगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने इस बीमारी को भी बहुत हद तक रोकने में सफल रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि वाय्रोलोजी का पहले 1 सेंटर पुणे में था. आज 600 से ज्यादा सेंटर हैं. संक्रमित मरीजों के लिए 7 लाख बेड तैयार हैं. पीपीइ किट बनाकर हमने दिखा दिया कि हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं. बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में 24 से 26 प्रतिशत राशि बिहार सरकार लगाती है, जबकि केन्द्र 74 से 76 प्रतिशत राशि देती है. जबकी महाराष्ट्र में स्थिति ठीक उल्टी है. उन्होंने कहा कि बिहार पर हमेशा से केन्द्र ने ज्यादा ध्यान दिया है.
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