बिहार में पेपर लीक के साथ ही जाली सर्टिफिकेट बनाने का मामला अकसर सामने आता रहता है. 21 मार्च को बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का रिज्लट जारी किया गया. वहीं, इन दिनों राज्य में जाली सर्टिफिकेट बनाने का खेल चल रहा है. बता दें कि मेरिट लिस्ट के नाम पर युवा जालसाज के चक्कर में फंस चुके हैं. इसका खुलासा मुजफ्फरपुर में किया गया है. जीडीएस पद पर बहाली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. वहीं, फर्जी सर्टिफिकेट मामले में 11 मुन्ना भाई को प्रधान डाकघर से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंट को छपरा से गिरफ्तार किया है.
जाली सर्टिफिकेट का गंदा खेल
फिलहाल, गिरफ्तार सभी मुन्ना भाईयों के साथ ही मास्टरमाइंट से पुलिस पूछताछ कर रही है. वहीं, पूछताछ के बाद बुधवार को सभी आरोपी को हिरासत में जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. खबरों की मानें तो सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए प्रधान डाकघर में बुलाया गया था. बता दें कि इस मुन्ना भाई में एक ऐसा अभ्यर्थी पकड़ा गया, जिसके अंग्रेजी विषय में तो 98 अंक थे, लेकिन उसे इंग्लिश में एक अक्षर तक लिखने नहीं आ रहा था. वहीं, इन आरोपी में एक अभ्यर्थी ने तो 500 में 491 अंक हासिल किए हैं. जितने भी आरोपी पकड़े गए हैं, उन्होंने बहुत ही अधिक नंबर प्राप्त किए हैं.
पकड़े गए 11 मुन्ना भाई
पुलिस ने जब पकड़े गए मुन्ना भाई से पूछताछ की तो उसमें अभ्यर्थियों ने इस बात को कबूल किया कि यह फर्जी मार्क्सशीट बनाने का सौदा 3 से 5 लाख तक में हुआ था. पहले अभ्यर्थियों से आधा पैसा लिया गया और नौकरी लगने के बाद पूरा पेमेंट लिया गया. वहीं, रेल डाक सेवा के इंस्पेक्टर ने बताया कि डाक विभाग में जीडीएस पद के लिए भर्ती प्रक्रिया की गई थी, जिसमें कई छात्रों का मेरिट लिस्ट निकल चुका था. फिलहाल मार्क्सशीट का वेरिफिकेशन प्रक्रिया चल रही है.
Source : News State Bihar Jharkhand