बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से लौट रहे प्रवासी राज्य में प्रवेश करने के बाद पैदल यात्रा नहीं करें. उन्होंने कहा कि वाहन उपलब्ध नहीं होने की सूरत में वे नजदीक के पुलिस थाने या प्रखंड (ब्लॉक) कार्यालय को सूचित करें और उनके गंतव्य तक पहुंचाने के प्रबंध किए जाएंगे. प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) के पैदल लौटने के दौरान राज्य से बाहर कई जगह उनके हादसों का शिकार हो जाने की घटनाओं के बीच नीतीश का यह बयान आया है.
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मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रबंध का जायजा लेने के दौरान एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह कहा. इस बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार भी मौजूद थे. बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 1,000 के आंकड़े को पार कर चुके हैं. वहीं, श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने से भारी संख्या में प्रवासियों के वापस राज्य लौटने के बाद से संक्रमण के नए मामलों में तेजी आयी है.
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बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, 'किसी को पैदल यात्रा करने की जरूरत नहीं है. किसी को डरकर चुपके से भी नहीं निकलना चाहिए. लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे स्टेशनों और राज्य की सीमाओं पर बसें लगाई गई हैं. अगर किसी को वाहन नहीं मिल पा रहा, तो उसे पैदल यात्रा नहीं करनी चाहिए और नजदीक के पुलिस थाने या प्रखंड कार्यालय को सूचित करना चाहिए. उनकी यात्रा के लिए प्रबंध किए जाएंगे.'
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