लखीसराय के पहाड़ी क्षेत्रों में दर्जनों बच्चें हो रहे कुपोषण के शिकार, रखा जा रहा है विशेष ख्याल

लखीसराय के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है.

author-image
Jatin Madan
New Update
kuposhan

फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

लखीसराय के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है. बावजूद इसके जिले के कजरा पीरी बाजार और चानन के पहाड़ी क्षेत्रों में बसे आदिवासी समुदाय के लोग के बच्चों को खानपान की उचित व्यवस्था नहीं मिलने के कारण कुपोषण के शिकार हो रहे हैं. कुपोषण से शिकार बच्चों को आंगनवाड़ी सेविका सहायिका के द्वारा सीडीपीओ और डीपीओ के माध्यम से पहचान कर सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचाया जाता है. जहां 14 दिन या 21 दिन का भोजन सहित अन्य भत्ता भी दिया जाता है.

बावजूद इसके आदिवासी समुदाय के लोग यहां रहने से कतराते हैं. जिस कारण बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल में 20 बच्चों को एक साथ रखने की व्यवस्था की गई है. उसके गार्जियन भी यहां रहते हैं उसे सभी प्रकार की सुविधा दी जाती है. अभी फिलहाल 17 बच्चे परिवार के साथ यहां रह रहे हैं. उसे सभी सुविधा दी जा रहे है. मैंन्यू के अनुसार वहां खाना भी देने का प्रावधान रखा गया है. अगर 14 दिनों में बच्चे स्वस्थ नहीं होते हैं तो उन्हें 21 दिन तक रख कर उसे स्वस्थ करने के बाद ही छोड़ा जाता है. इन दिनों कजरा पीरी बाजार और चानन से ज्यादा संख्या में कुपोषण के बच्चे मिल रहे हैं. उन्हें यहां इलाज के लिए भर्ती कराया जा रहा है. बच्चों को उचित आहार के साथ दवा खाने को भी दिया जाता है.

पुनर्वास केंद्र में बच्चों का रखा जाता है विशेष ख्याल 
जिले के पुनर्वास केंद्र में अभी 20 बच्चे हैं जिनका उचित सलाह के अनुसार इलाज किया जा रहा है. डॉ. चौधरी ने बताया कि पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उनके खान-पान का विशेष ख्याल रखा जाता है. यहां रखे गए बच्चे यदि 14 दिनों अंदर कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाते तो वैसे बच्चों को 21 दिन  तक विशेष रूप से देखभाल की जाती है. पोषण पुर्नवास केंद्र में मिलने वाली सभी सुविधाएं नि:शुल्क होती हैं. यहां भर्ती हुए बच्चों के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही उसे यहां से डिस्चार्ज किया जाता है.

Source : News Nation Bureau

Malnutrition Rate malnutrition in children Anganwadi Lakhisarai News
Advertisment
Advertisment
Advertisment