64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद भारत की 15वें राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण की. बता दें कि मुर्मू के राष्ट्रपति पद पर शपथ लेना कई मायनों में ऐतिहासिक है. वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से खासतौर पर आदिवासी समाज में खुशी का माहौल है. राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए शपथ ग्रहण की, जिसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई. भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई.
शपथ ग्रहण करने के बाद मुर्मू ने सबसे पहले राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह से पहले निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक औपचारिक जुलूस में संसद भवन पहुंचे. इस शपथ समारोह में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल के साथ ही अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद समेत अन्य सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए.
यशवंत सिन्हा को हराकर मुर्मू ने रचा इतिहास
बता दें कि मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण किया. इस चुनाव में उन्होंने विपक्ष के बड़े राजनेता यशवंत सिन्हा को हराकर इतिहास रचा. निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 2015 में झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने वाली पहली महिला थीं.
Source : Amrit Tiwari