बिहार में इस बार औसत से 46 फीसदी कम बारिश हुई है. आलम यह है कि खेतों में पानी नहीं होने की वजह से किसानों की हालत टाइट है और स्थिति यह उत्पन्न होने को है कि बिहार सुखाड़ से ग्रसित हो सकता है. कई जगह खेतों में पानी नहीं होने की वजह से खेतों में दरार आ गई है. खेतों में पानी नहीं होने की वजह से किसान रोपण के समय भी सही तरीके से खेती नहीं कर पा रहे हैं. एक तरफ सरकार यह दावा करती है कि हम किसानों के लिए हर वह सुविधा देंगे जिससे उन्हें किसी भी तरीके की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार उनके लिए कुछ नहीं करती.
उधार लेकर चल रहा काम
किसानों का कहना है कि रुपये उधार लेकर खेतों में पटवन का काम किया था, लेकिन पानी ना होने के चलते धान मर रही है, जिसके बाद आत्महत्या जैसी स्थिति हो गई है. उनका कहना है कि इस बार अगर धान नहीं होता है तो हम 3 साल पीछे चले जाएंगे और खाने के लिए भी हमें कर्ज लेना पड़ेगा. कर्ज लेने के लिए हमारे पास अब ताकत नहीं है. क्योंकि खेती के लिए पहले ही हमने कर्ज ले लिया है. किसानों का आरोप है कि सरकार ध्यान नहीं दे रही है और प्रकृति भी नाराज हमसे है.
डीजल उपलब्ध कराएगी सरकार
वहीं, बिहार सरकार के कृषि मंत्री ने राज्य में कम बारिश होने की वजह से कृषि विभाग की ओर से किसानों को डीजल अनुदान देने का निर्णय लिया है. इस मौके पर कृषि विभाग के मंत्री कुमार सर्वजीत ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष 600 करोड़ किसानों को अनुदान उपलब्ध कराया गया था. उसी प्रकार इस वर्ष भी राज्य सरकार किसानों के लिए डीजल उपलब्ध कराएगी. इसके लिए जितना भी खर्च होगा सरकार किसानों के हित में खर्च करेगी. इसके साध ही अगले महीने बारिश की संभावना भी जताई जा रही है. अगर अगले महीने भी बारिश नहीं होती है तो सरकार किसानों की मदद करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिल पा रहा है.
यह भी पढ़ें- गोपालगंज में मुहर्रम की जुलूस के दौरान हादसा, 8 लोग करंट लगने से झुलसे
सिर्फ डीजल अनुदान राशि काफी नहीं
बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने किसानों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इस बार धान रोपनी में जो स्थिति है उससे किसानों को काफी समस्या हो रही है. क्योंकि कई इलाकों में बारिश नहीं होने की वजह से खेत पूरी तरीके से सूख गए हैं. खेतों में दरार आ गई है और जो डीजल अनुदान देने की बात सरकार कर रही है कई ऐसी जगह हैं, जहां पर बोरिंग ही नहीं है. तो ऐसे में किसान खेती करे तो करे कैसे और जितनी राशि डीजल अनुदान को लेकर सरकार दे रही है वह तो बिजरा के समय की राशि है. अब बिजरा का समय समाप्त हो गया. अब तो रोपण का समय है. ऐसे में किसानों की हालत ये हो गई है कि कर्ज लेकर भी खेतों में पानी नहीं मिल पा रहा है. प्रकृति की मार ने इस तरह मारा है कि उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. सरकार को किसानों के लिए खास ध्यान देना चाहिए.
किसानों के हित में काम कर रही है सरकार
वहीं, JDU MLC रामेश्वर महतो ने कहा कि बिहार सरकार किसानों के हित में काम करती है. जब-जब किसानों की समस्या हुई है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस समस्या का समाधान किया है. आपने बिल्कुल सही कहा कि अभी जो हालात हैं बारिश नहीं होने के कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं और खेतों में पानी नहीं होने की वजह से जो पहले से खेती किया गया था वह भी जल गई है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री पूरी तरीके से किसानों के लिए काम कर रहे हैं और यही कारण है कि उन्होंने जल संसाधन विभाग के साथ बैठक भी की थी और जो भी जरूरत होगी बिहार सरकार किसानों के लिए करेगी.
एक तरफ बिहार सुखाड़ की तरफ बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ बिहार सरकार के मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि अभी सुखाड़ की घोषणा करना जल्दबाजी होगी. क्योंकि अगले महीने तक बारिश हो सकती है.
HIGHLIGHTS
- बिहार में सुखाड़ जैसे हालात
- उधार लेकर काम चला रहे किसान
- डीजल उपलब्ध कराएगी सरकार
- सिर्फ डीजल अनुदान राशि काफी नहीं
Source : News State Bihar Jharkhand