बिहार में मानसून के दस्तक के बाद भी सामान्य से कम बारिश हुई है जिससे प्रदेश में सूखे का संकट पैदा हो गया है . ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि बिहार सरकार उन्हें राहत देने के लिए कुछ एलान कर सकती है.बिहार में नई गठबंधन की सरकार बनी है पहले JDU और NDA गठबंधन में सरकार चला रहें थें, लेकिन अब प्रदेश में JDU ने महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली है. ऐसे में प्रदेश के किसानों को नई सरकार से उम्मीद है की उन्हें राहत मिलेगी.
बता दें कि, प्रदेश में आपदा प्रबंधन समूह की सूखे की संकट को लेकर कल मीटिंग होनी है. जिससे ये उम्मीद लगाई जा रही है की किसानों को डीजल अनुदान और कृषि के लिए ज्यादा से ज्यादा बिजली देने के अलावा कुछ और बड़े एलान हो सकते हैं. जिससे सूखे से प्रभावित किसानों को काफी राहत मिल सकती है.
बिहार में मानसून के दस्तक के बाद सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है.जिससे सूखे जैसे हालत पैदा हो गए हैं. राज्य में 33 जिलें ऐसे हैं जहां पर 19 फीसदी से लेकर 59 फीसदी तक कम बारिश हुई है. जिसकी वजह से दक्षिण बिहार की कई नदियों का जलस्तर कम हो गया है.
प्रदेश में कम बारिश के वजह से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इसलिए किसान सरकार से सूखाग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं. राज्य में 15 अगस्त तक धान रोपने का समय है. जिसके बाद हर जिले की रिपोर्ट ली जाएगी फिर सरकार कोई कदम उठाएगी लेकिन केंद्र सरकार ने जो सूखाग्रस्त के मानक तैयार किए गए हैं. उसके अनुसार प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करना नामुनकिन है, लेकिन लोगों को उम्मीद है कि राज्य सरकार अपने सत्तर पर फैसला लेकर किसानों को राहत जरूर देगी.
Source : News Nation Bureau