बिहार (Bihar) के विभिन्न क्षेत्रों में सोमवार को कोरोना संक्रमण के दौर के बीच ईद मनाई जा रही है. इस दौरान लोग एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद जरूर दे रहे हैं, लेकिन गले नहीं मिल रहे हैं. इस बीच, राज्य के कई क्वारंटीन सेंटरों में भी बिहार प्रवासियों के लिए खास व्यवस्था की गई थी. ईद की दिन लोग घरों से बाहर निकल कर एक दूसरे को बधाइयां देते थे, पर इस बार चारों तरफ सन्नाटा पसरा है. लोगों में ईद को लेकर उत्साह कम दिखा. कोरोना वायरस (Corona Virus) और लॉकडाउन के बीच लोग अपने घरों में ही ईद मना रहे हैं. इस बीच राज्य के क्वारंटीन सेंटेरों में रह रहे बिहार के प्रवासी लोगों ने वहीं पर नमाज अदा कर ईद मनायी.
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गया जिले के टेकारी स्थित रामाकांति नर्सिग ट्रेनिंग स्कूल शहबाजपुर में मुस्लिम प्रवासियों के लिए एक विशेष क्वारंटीन सेंटर का निर्माण किया गया. ईद पर यहां आवासित सभी मुस्लिम प्रवासियों ने एक साथ मिलकर रमजान की आखिरी नमाज अदा की. इस नमाज में लोगों द्वारा सामाजिक दूरी को भी बरकरार रखा. टेकारी के प्रखंड विकास पदाधिकारी वेदप्रकाश ने आईएएनएस को बताया कि इस क्वारंटीन सेंटर में रमजान के महीने में भी इतार और सेहरी की व्यवस्था की गई थी. आज ईद के दिन भी यहां खास व्यस्था की गई.
उन्होंने कहा, 'कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर आपस में ना तो यहां लोग गले मिले और ना ही आपस में हाथ मिलाए. ईद के इस पावन अवसर पर प्रवासी भाइयों के लिए खीर, सेवइयां, बिरयानी के साथ-साथ अन्य स्वादिष्ट व्यंजन भी दिए गए.' बिहार के और समस्तीपुर, नवादा, किशनगंज सहित कई जिलों के विभिन्न क्वारंटीन सेंटरों में ईद धूमधाम से मनाई गई. मुजफ्फरपुर के कई क्वारंटीन केंद्रों पर भी ईद के मौके पर रोजेदारों ने नमाज अदा की और एक दूसरे को मुबारकबाद दी. जिले में अमन-चैन और भाईचारे की दुआ की. जिला प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई थी.
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किशनगंज में ईद के मुबारक मौके को ध्यान में रखते हुए किशनगंज जिला के मिडिल स्कूल, चकला में की खाने की विशेष व्यवस्था की गई थी. समस्तीपुर के कई क्वारंटीन सेंटरों में भी ईद की नमाज पढ़ने की खास व्यवस्था की गई थी तथा लोगों के लिए सेवइयां सहित अन्य व्यंजनों का इंतजमा किया गया था.
उल्लेखनीय है कि राज्य में अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों के लिए आपदा राहत केंद्र और क्वारंटीन सेंटरों का निर्माण करवाया गया है. फिलहाल राज्य में 133 आपदा राहत केन्द्र खोले गए है, जिसमें लगभग 45,000 लोग रह रहे हैं. इसी तरह 15036 ब्लॉक क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें 10 लाख 56 हजार 852 प्रवासी लोग रह रहे हैं. बिहार में लगातार प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. आने वाले लोगों को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन सेंटरों में रखा जा रहा है.
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