दुनिया में फैले मंकीपॉक्स की अब भारत में भी एंट्री हो गई है. भारत सरकार ने इस संक्रमण को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है. सभी राज्यों को आवश्यक कदम उठाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं. पिछले 6 महीने में पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स के 3 हजार 413 मामले सामने आए हैं. देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल के कोल्लम में मिला. संक्रमित मरीज विदेश में संयुक्त अरब अमीरत (UAE) की यात्रा कर केरल पहुंचा था. इसके बाद मरीज को तेज बुखार और छाले पड़ने लगे, फिर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे संक्रमित घोषित कर दिया.
इससे पहले मई में भारत सरकार ने मंकीपॉक्स से रोकथाम के लिए नई गाइडलाइंस बनाई थी. अब केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर मंकीपॉक्स के लिए पुरानी मई में तैयार गाइडलाइंस को फिर से लागू करने की सलाह दी है. फिलहाल एक मल्टी डिसिप्लिनरी टीम को केरल भेजा गया है. ये टीम राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए भेजी गई है. जो वहां जाकर पब्लिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में मदद करेगी.
ये हैं महत्वपूर्ण गाइडलाइंस
देश में मौजूद हर एंट्री पर मेडिकल स्क्रीनिंग टीम रखी जाएगी. जहां डॉक्टर, लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले मरीजों की टेस्टिंग करेंगे. इसके अलावा ट्रेसिंग और सर्विलांस टीम का गठन किया जाएगा. अस्पताल में मेडिकल तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज और क्लिनिकल मैनेजमेंट की व्यवस्था होगी. जितने भी मामलें संदिग्ध हो सभी की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग एंट्री प्वाइंट्स और कम्यूनिटी में की जाएगी (इसमें अस्पताल आधारित निगरानी के माध्यम से, खसरे के तहत टारगेटेड सर्विलांस, MSM, FSW आबादी के लिए NACO द्वारा पहचाने गए निगरानी या इंटरवेंशन साइट्स पर) पेशेंट आइसोलेशन अल्सर की सुरक्षा, रोगसूचक और सहायक उपचार के साथ लगातार निगरानी और सभी जटिलताओं का समय पर उपचार मृत्यु दर को रोकने के लिए अहम उपाय हैं. ऐसे मामले जो संदिग्ध या पुष्टि की गई हो ऐसे मामलों के प्रबंधन के लिए चिन्हित अस्पतालों में पर्याप्त मानव संसाधन और रसद सहायता सुनिश्चित की जानी चाहिए.
दुनिया में मौजूद संक्रमण के मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी 2022 से 22 जून 2022 तक कुल 3413 मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों की पुष्टि हुई है. ये मामले 50 देशों के डाटा के आधार पर सामने आए है. इनमें से अधिकांश मामले यूरोपीय क्षेत्र में (86%) और अमेरिका में (11%) सामने आए हैं.
Source : Gandharv Jha