वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल के सीमावर्ती गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बाघ अब बगहा के रामनगर प्रखंड के मलचगवा पंचायत के दरदरवा गांव के पास पहुंच गया है. जहां वन कर्मियों के टीम की तैनाती कर दी गई है. यहां गांव के ठीक किनारे बाघ अपना डेरा जमाए हुए हैं, जिसकी वजह से गांव के लोगों को डर सताने लगा है. बाघ 21 दिन से अपना ठिकाना बदल रहा है.सबसे बड़ी बात ये है कि गांव में दशहरा का मेला लगा हुआ है. ऐसे में प्रशासन को डर सताने लगा है कि कहीं बाघ दिखाई दे दिया तो लोगों में भगदड़ मच जाएगी. जिसकी वजह से बड़ा हादसा हो सकता है.
वन विभाग पुरजोर प्रयास कर रहा है कि बाघ गांव के भीतर न आए. इसे देखते हुए रात में वन विभाग की पूरी टीम गांव के भीतर लगा दी गई है. वन विभाग और प्रशासन के सहयोग से गांव के किनारे रहने वाले लोगों और मवेशियों को अंदर भेज दिया गया है. इसके साथ ही गांव के सभी लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. फिलहाल बाघ को वहां से हटाने का प्रयास किया जा रहा है.
आपको बता दें कि ये बाघ आदमखोर हो चुका है और अब तक 5 लोगों की जान ले ली है. लोग खेतों में जाने से परहेज कर रहे हैं. गांव में कोई अकेले निकलने की हिम्मत भी नहीं कर पाता. लोग झुंड बनाकर निकलते हैं. ताकि अगर बाघ का सामना हो तो उससे मुकाबला कर सकें. रात-रात भर ग्रामीण पेहरा देते हैं. बिहार के मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारियों की टीम खुद फील्ड में उतरकर बाघ को पकड़ने के लिए अभियान चला रखा है.
रिपोर्ट : राकेश सोनी
Source : News Nation Bureau