कोरोना का BF.7 वैरिएंट देश में खतरे की घंटी बजा रहा है. बिहार के गया में विदेशी पर्यटकों के संक्रमित होने से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है. प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दे दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग ने भी कोरोना से लड़ाई के लिए अपनी कमर कस ली है, लेकिन सहरसा में हालात कुछ और ही है. एक तरफ जहां दूसरे अस्पताल कोरोना को देखते हुए वैक्सीनेशन, दवाई और ऑक्सीजन की आपूर्ति पर ध्यान रखा जा रहा है. वहीं सरहसा के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट होने के बावजूद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
पिछले साल जब कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे थे और ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी. इसी बीच अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगवाया गया. उम्मीद तो ये थी कि प्लांट के जरिए भविष्य में भी ऑक्सीजन की कमी नहीं हो पाएगी, लेकिन करोड़ों की लागत से लगाया गया ऑक्सीजन प्लांट अब सिर्फ सदर अस्पताल की सुंदरता को बढ़ा रहा है. 23 अक्टूबर से सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह बंद पड़ा है. जबकि सदर अस्पताल के सिर्फ इमरजेंसी वार्ड में ही हर दिन 5 से 7 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है. हालांकि सिविल सर्जन की मानें तो ऑक्सीजन प्लांट में एक कंप्रेसर खराब है. जिसके चलते प्लांट काम नहीं कर रहा है. स्वास्थ्य सचिव को भी जानकारी दी गई है.
स्वास्थ्य सचिव को जानकारी तो देदी गई है, लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर अभी तक प्लांट को ठीक क्यों नहीं किया गया है. कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद भी ये लापरवाही क्यों बरती जा रही है.
HIGHLIGHTS
- कोरोना की दस्तक.. अस्पताल बदहाल
- बिना ऑक्सीजन प्लांट कैसे होगा इलाज
- ऑक्सीजन ना मिलने से मरीजों में हाहाकार
- लापरवाही से कैसे होगी कोरोना की हार?
Source : News State Bihar Jharkhand