बिहार में शिक्षक नियुक्ति नियमावली में शिक्षा विभाग ने बदलाव किया गया है. भर्ती में बिहार का स्थायी निवास की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. अब शिक्षक नियुक्ति में बिहार के बाहर के भी अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं. सरकार के इस फैसले से बिहार के शिक्षक और कैंडिडेट्स नाराज हैं. बीजेपी बिहार का अपमान का आरोप लगा रही है. बिहार में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर लंबे वक्त तक अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया. लंबी लड़ाई लड़ी. सरकार ने बहाली को लेकर नई नियमावली जारी की, लेकिन नई शिक्षक नियमावली जैसे ही आई, बवाल और बढ़ गया.
शिक्षक नियमावली में बदलाव
2 मई को नीतीश कैबिनेट ने एक लाख 78 हजार शिक्षकों की भर्ती वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी और नई नियमावली जारी कर दी. नई नियमावली के तहत BPSC के जरिए परीक्षा लेने और राज्य कर्मी का दर्जा देने की बात कही गई, लेकिन अब एक और नया बदलाव किया गया. पहले कहा गया था कि बिहार के स्थाई निवासी ही परीक्षा में शामिल हो पाएंगे, लेकिन अब संशोधन कर इसे हटा दिया गया. अब बाहर के अभ्यर्थी भी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो पाएंगे और इसके लिए शिक्षा मंत्री ने जो दलील दी, वो हैरान करने वाली है.
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शिक्षा मंत्री को नहीं दिखता बिहार के युवाओं में टैलेंट?
शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के जो टैलेंटेड छात्र हैं, बेरोजगार हैं वो इसमें भाग लेंगे. हम लोगों के लिए एक समस्या सामने है कि मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अंग्रेजी में ऐसे अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं और सीट खाली रह जाती है. इसके लिए यह किया गया है. बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा. साइंस और अंग्रेजी की समस्या थी, इसलिए किया गया है. शिक्षा मंत्री से जब पूछा गया कि इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है, इस पर उन्होंने कहा कि हर बात का विरोध होता है. हम क्या कर सकते हैं.
विपक्ष ने साधा निशाना
बिहार में शिक्षा बहाली नियम में बदलाव पर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष शिक्षा मंत्री के बयान को बिहार का अपमान बता रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सरकार पर निशाना साधा है. सुशील मोदी ने कहा कि इसी बिहार से हर साल कई IAS और बड़े अधिकारी निकलते हैं. बिहार में अंग्रेजी गणित विज्ञान के शिक्षक ना मिलने का बयान देना बिहार का अपमान है. वहीं, सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी वाले बयान पर भी निशाना साधा है. वहीं, लोजपा पारस के प्रवक्ता देवजानी मित्रा ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है हमेशा उनके पास कोई ना कोई बहाना रहता है हर बार नया बहाना को ढूंढते हैं. शिक्षा मंत्री जी जितनी शिद्दत से आप रामचरितमानस के ऊपर विस्तार से बताते हैं अगर उतना ही विस्तार से शिक्षा और शिक्षकों को लेकर बताएं तो बेहतर होगा.
सड़क पर उतरे अभ्यर्थी
नई शिक्षक नियमावली में बदलाव को लेकर जहां जमकर राजनीति हो रही है. वहीं, अभ्यर्थी सड़क पर उतर आए हैं. बेतिया में अभ्यर्थियों समाहरणालय के गेट पर धरना दिया और जमकर नारेबाजी की.
जानिए दूसरे राज्यों की स्थिति
सरकार के इस फैसले से बिहार के शिक्षक और कैंडिडेट्स नाराज हैं. जमकर विरोध हो रहा है. राजनीति घमासान हो रही है. अब दूसरे राज्यों में क्या स्थिति है वो जानते हैं. यूपी में दूसरे राज्यों के उन अभ्यर्थियों को ही शिक्षक बनने को मौका दिया जो 5 साल से यूपी में रहते हैं. गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, आसाम और मेघालय में ग्रुप सी की भर्ती में राज्य का स्थायी निवासी होना अनिवार्य. बंगाल और केरल जैसे राज्यों में सरकारी नौकरी के लिए कोई भारतीय नागरिक आवदेन कर सकता है. झारखंड में प्रारंभिक शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्य के अभ्यर्थी शामिल नहीं हो सकते. हाईस्कूल में अधिकतम 10% सीटों पर दूसरे राज्य के अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं. दूसरे राज्यों में स्थिति चाहे जो भी हो शिक्षा विभाग का ये फैसला बिहार के युवाओं के लिए किसी भी लिहाज से सही नहीं ठहराया जा सकता.
HIGHLIGHTS
- बिहार में नहीं मिलते साइंस-मैथ्स के टीचर!
- बिहार में होगी बाहरी शिक्षकों की बहाली!
- शिक्षा मंत्री को नहीं दिखता बिहार के युवाओं में टैलेंट?
- ...तो इस वजह से हुआ शिक्षक नियमावली में बदलाव
Source : News State Bihar Jharkhand