कैमूर जिला प्रशासन में उस वक्त हड़कंप मच गया जब कलेक्ट्रेट पर अचानक सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंच गए. जिले के 4 प्रखंडों से आए किसान हाथों में तिरंगा लिए जय जवान जय किसान का नारा लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन किसानों के अंदर जाने से पहले ही कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर ताला जड़ दिया गया. लिहाजा गुस्साए किसानों ने गेट के बाहर से ही नारेबाजी शुरू कर दी और किसान भारतमाला परियोजना के तहत बनाए जा रहे जिले में एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहण किए जा रहे जमीन के उचित मुआवजे की मांग करने लगे. इस दौरान पुलिस के साथ किसानों की धक्का मुक्की भी हुई, लेकिन किसान कलेक्ट्रेट के बाहर डटे रहे.
किसानों की अध्यक्षता कर रहे बीजेपी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष का कहना है कि कैमूर जिले के 4 प्रखंडों चांद, चैनपुर, भगवानपुर और रामपुर ब्लॉक से होकर एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है. ऐसे में इन प्रखंडों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया है. लिहाजा मुआवजे और सर्विस लेन की मांग को लेकर किसानों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला. प्रदर्शन से पहले किसानों ने पदाधिकारियों से बारी-बारी मुलाकात भी की, लेकिन मुआवजे का आश्वासन नहीं मिला. मजबूरन अन्नदाता को सड़क पर उतरना पड़ा.
किसानों का कहना है कि साल 2013 से अभी तक जमीन अधिग्रहण पर सरकारी दर नहीं बढ़ाई गई है. अगर यही नीति रही तो किसानों के परिवारों को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिलेगी. लिहाजा प्रदर्शन और तालाबंदी के अलावा किसानों के पास कोई और चारा भी नहीं है. किसानों ने मुख्यमंत्री को भी आवेदन दिया है. ऐसे में शासन-प्रशासन किसानों की मांग पर सुनवाई कब तक करता है ये देखना दिलचस्प होगा.