बिहार के कैमूर जिले में आज दूसरे दिन किसान नेता राकेश टिकैत और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का महाधरना था. महाधरना समाहरणालय भभुआ में आयोजित किया गया था. 4 दर्जन ट्रैक्टर रैली के साथ राकेश टिकैत और सुधाकर सिंह भभुआ पहुंचे थे. किसान रैली में कैमूर, रोहतास, बक्सर ही नहीं बल्कि यूपी के भी किसान भारी संख्या में शामिल हुए. राकेश टिकैत और सुधाकर सिंह ने भारतमाला परियोजना एक्सप्रेस वे के तहत अधिग्रहण की जा रही जमीनों के कम मुआवजा को लेकर केंद्र और बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला. दोनों नेताओं ने कहा सभी नेता पक्ष हो या विपक्ष एक ही यूनिवर्सिटी के छात्र हैं. सभी लोग चाहते हैं किसानों की फसलों का भाव कम करके उन्हें जमीन बेचने पर मजबूर कर दो और औने-पौने दाम पर खरीद लो, लेकिन हमको इनके झांसे में नहीं आना है. यह तो अभी चेतावनी है कि भारतमाला परियोजना में किसानों के जमीनों को उचित मुआवजा दे दिया जाए नहीं तो आंदोलन जारी होगा.
सुधाकर सिंह ने क्या कहा ?
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने महा धरना में कहा कैमूर के किसानों को जब तक प्रति एकड़ एक करोड़ जमीन का अधिग्रहण मूल्य नहीं मिलेगा हम चुप बैठने वाले नहीं. पहले तो रात में चोर डाकू और आतंकवादी आते थे लेकिन अब रात के अंधेरे में पुलिस अत्याचार करने आती और ऐसा ही बक्सर के चौसा में किसानों के साथ पुलिस ने किया. नीतीश मोदी जी का मॉडिफाई वर्जन है. नीतीश जी कहते हैं कि मोदी को हटाकर मुझे प्रधानमंत्री बनाईये अगर मॉडिफाई वर्जन ही सत्ता में आएगा इससे अच्छा है कि देश में राष्ट्रपति शासन ही लागू हो जाए. जब सत्ता के गलियारों में नीतीश जी को पलटी मारना होता है तो विशेष राज्य का दर्जा की मांग को लेकर पटना से दिल्ली, दिल्ली से पटना करते हैं.
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सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि हमारे बिहार में सिर्फ पटना से लेकर नालंदा तक ही विकास के काम हो रहा है और कहीं नहीं. अगर ज्यादा गरीबी है तो कुर्सी त्याग कर चौराहे पर आईये कैमूर के लोग अपनी जमीन दान में भी दे देंगे. 2025 में जनता आपको बता देगी की कितने विकास पुरुष हैं. आप अधिकारियों से पैसा वसूलवातें हैं चोरी आप कराते हैं और पकड़े जाते हैं यह. बिहार में शासन अधिकारियों के लिए अधिकारियों के द्वारा और अधिकारी ही चलाते हैं. किसानों के सवाल पर हम शुरू से लड़े हैं आगे भी लड़ेंगे, राजनीति से नहीं जोड़ना है. सरकार अगर किसानों के हित में काम नहीं करेगी तो उसे हम हिला कर रख देंगे.
राकेश टिकैत ने क्या कहा
राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के झंडे को सरकार ने बदनाम करने की कोशिश की. धोखे से कुछ किसानों को लाल किले पर ले गए और जो हुआ सब जानते हैं. यह देश में हिंदू-सिख कराना चाहते हैं और किसानों को बांटना चाहते हैं, ऐसा हम होने नहीं देंगे. सभी नेताओं की एक ही भाषा है की देश के किसानों की जमीन लूट लेनी है. हमारी 2024 की कोई प्लानिंग नहीं कोई किसान संगठन चुनाव नहीं लड़ेगा देश में.
किसानों को लूटती हैं सरकारें
राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में आगे कहा कि अलग-अलग राज्यों की सरकारें अलग है पार्टियां अलग है लेकिन पॉलिसी किसानों को लूटने की सबकी एक है. जिन किसानों की जमीन जा रही है उस पर कब्जा नहीं होने देना है. जो हमारे किसानों की मीटिंग कलेक्ट्रेट के बाहर हुई है लेकिन आगे से वह मीटिंग कलेक्ट्रेट के अंदर होगी जो भी बैरिकेड आएगा उसे हम अपने ट्रैक्टरों से तोड़ दिया करेंगे. आने वाले समय में किसानों की फसल सड़क पर नहीं बिकेगी या तो किसानों के मंडी में बिकेंगे नहीं तो वह अधिकारियों के कार्यालयों में बिका करेंगे.
गांधी मैदान ट्रैक्टर से भर देंगे
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि यदि मंडी नहीं मिला तो पटना का गांधी मैदान ट्रैक्टर से भरने का किसान काम करेंगे. पूरे देश में ट्रैक्टर कमर्शियल नहीं हुए हैं अगर यहां हुआ तो आंदोलन होगा. जब हमारा आंदोलन किसानों के पक्ष में होता है कि बीजेपी कहती है कि इनको नीतीश और कांग्रेस साथ देते हैं लेकिन इनके झांसे में नहीं आना है. आजादी के जब 100 साल आएगा तो किसानों की अधिक से अधिक जमीन सरकार व्यापारियों के हो जाएंगे यही इनका प्लान है, इसलिए किसानों को मजबूर कर रहे हैं.
रिपोर्टर: रंजन त्रिगुण
HIGHLIGHTS
- किसानों के महाधरना में शामिल हुए राकेश टिकैत
- पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने भी दिया साथ
- 4 दर्जन से अधिक ट्रैक्टरों के साथ निकाली रैली
- नीतीश सरकार पर दोनों नेताओं ने बोला जमकर हमला
Source : News State Bihar Jharkhand