दहेज को लेकर कई कानून बनाए जा चुके हैं, बावजूद इसके समाज से यह कलंक आज भी नहीं मिट पाया है. दहेज की आग में आज तक ना जाने कितनी बेटियों को जला दिया गया, कितनों को फांसी पर लटका दिया गया. दहेज दानवों ने ना जानें कितनी बेटियों को इस कूप्रथा की बलि चढ़ा दी, तो कई आज भी कुंठित प्रथा की चुंगल में हैं. इसी समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो दहेजप्रथा जैसे दंश को समाज से उखाड़ फेंकने में बड़ी भूमिका निभाते हैं और ऐसी ही एक तस्वीर शेखपुरा से देखने को मिली. जहां एक युवक ने बिना दहेज लिए अपने पिता के विरोध में जाकर युवती संग शादी रचाई.
अरियरी प्रखंड में हुई अनोखी शादी
हम बात कर रहे हैं शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड में हुई अनोखी शादी की. इस शादी के गवाह गांव के मुखिया और सरपंच भी बने. शादी में ना तो बैंड-बाजा था और ना ही कोई बारात. युवक और युवती ने मंदिर में बड़ों से आशीर्वाद लेकर सात जन्मों तक साथ रहने की कमस खाई. दरअसल, करकी तोडलबीघा गांव की सुषमा की शादी सचिन से पहले तय हो गई थी.
सुषमा के माता और पिता की मौत 4 साल पहले ही हो गई थी.
पिता के विरोध जाकर बिना दहेज रचाई शादी
ऐसे में शादी के लिए सचिन के परिवार ने जब दहेज मांगा, तो सुषमा दहेज नहीं दे पाई. वहीं, सचिन के पिता दो लाख तिलक की मांग पर अड़े रहे और फिर शादी टूट गई, लेकिन सचिन को ये नागवार गुजरा और उसने बिना दहेज के शादी करने का फैसला लिया. सचिन ने अपने पिता के खिलाफ जाकर सुषमा से शादी करने की बात कही और उसके इस फैसले का सम्मान पूरे गांव ने किया. जहां मरोड़ो पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि और सरपंच प्रतिनिधि का भी उसे सहयोग दिया. जिसके बाद भगवान को साक्षी मानकर जोड़े ने हिंदू रीति रिवाज से शादी रचाई. इस दौरान ग्रामीण महिलाएं भी शादी में पहुंची. जहां सभी ने दहेज मुक्त शादी का समर्थन कर नए जोड़े को आशीर्वाद दिया.
HIGHLIGHTS
- अरियरी प्रखंड में हुई अनोखी शादी
- पिता के विरोध जाकर बिना दहेज रचाई शादी
- हेज मुक्त शादी का समर्थन किया
Source : News State Bihar Jharkhand