हाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदाराना रैवये की पोल खोलती तस्वीर सामने आई है. जहां बच्ची के शव को लेकर एक पिता एंबुलेंस के लिए भटकता रहा. सांप के काटने से एक 8 साल की नाबालिग की मौत हो गई. पिता का आरोप है कि बच्ची की मौत के बाद एंबुलेंस की मांग की गई, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से उसे एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया गया. इस विषय में जब सिविल सर्जन अमरेंद्र नारयण साही से पूछा गया तो पहले उन्होंने मामले की जानकारी होने से इंकार कर दिया और फिर डिप्टी सिविल सर्जन एसके वर्मा को शव वाहन मुहैया कराने का आदेश दे दिया.
पिता बच्ची के शव को लेकर सदर अस्पताल के कोने-कोने में एंबुलेंस की मांग करता रहा. एक मजबूर पिता की मजबूरी देखकर अस्पताल के लोग इकट्ठा हो गए, लेकिन अस्पताल प्रशासन पर कोई भी फर्क नहीं पड़ा. जानकारी के अनुसार अभिषेक सिंह के 8 वर्षीय बच्ची चौकी पर बैठकर पढ़ाई कर रही थी, तभी उसे एक सांप ने डस लिया था. जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई थी. बच्ची को तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. जिसके बाद अभिषेक अपनी बच्ची के शव को गोद में लिए एंबुलेंस कि टोह हमें इधर-उधर भटकते नजर आए. अभिषेक सिंह से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एंबुलेंस मांगने पर कहा गया है कि एंबुलेंस नहीं है बाहर से जाकर व्यवस्था कर लीजिए.
वहीं, इस विषय में जब सिविल सर्जन अमरेंद्र नारयण साही से पूछा गया तो पहले उन्होंने मामले की जानकारी होने से इंकार कर दिया और फिर डिप्टी सिविल सर्जन एसके वर्मा से कहा कि शव वाहन दे दीजिए. जिस व्यक्ति को जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेवारी मिली हुई है उनका यह बयान साफ तौर से बताता है कि यहां किसी मजबूर की नहीं सुनी जाती. सदर अस्पताल सिर्फ दलालों का अड्डा बन बन के रह गया है.
रिपोर्ट : देवेश कुमार
Source : News State Bihar Jharkhand