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भागलपुर में ग्रामीणों को सता रहा कटाव का डर, सरकार की पहल नाकाफी

भागलपुर में नवगछिया अनुमंडल के तीनटंगा गांव में बीते साल गंगा ने ऐसा कहर बरपाया कि कई घर गंगा में समा गए. अब इस साल फिर ग्रामीणों को कटाव का डर सताने लगा है.

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Jatin Madan
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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भागलपुर में नवगछिया अनुमंडल के तीनटंगा गांव में बीते साल गंगा ने ऐसा कहर बरपाया कि कई घर गंगा में समा गए. अब इस साल फिर ग्रामीणों को कटाव का डर सताने लगा है. हालांकि सरकार की ओर से कटाव रोकने के लिए पहल तो की गई है, लेकिन ये कोशिश फिलहाल नाकाफी है. भागलपुर के तीनटंगा गांव उस भीषण त्रासदी की गवाह है, जिससे हर साल यहां के ग्रामीणों का आमना-सामना होता है. बाढ़ के रूप में यहां प्रकृति का ऐसा कहर बरपता है कि सालों तक उस हाहाकार की चित्कार सुनाई देती है.

'संकट' गंगा किनारे वाला

इस गांव में जहां तक नजर जाती है सिर्फ टूटे दुकान और जर्जर मकानों की कतार दिखती है. गंगा किनारे बसे इस गांव के लोगों के लिए बारिश का मौसम किसी अभिषाप की तरह है. गंगा में पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही यहां कटाव शुरू हो जाता है. बीते साल तो यहां बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई कि दर्जनों घर गंगा में समा गए. अब एक बार फिर ग्रामीणों को कटाव का डर सताने लगा है. सरकार ने कटाव से बचाव के लिए जो कोशिश की है, वो नाकाफी है.

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ग्रामीणों को सता रहा कटाव का डर

जिले के नवगछिया अनुमंडल के तीनटंगा गांव में बीते साल आई बाढ़ ने कई घरों को अपनी आगोश में ले लिया. हालांकि इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश ने हवाई सर्वेक्षण किया और गांव को बचाने के लिए कवायद शुरू की और विभाग की ओर से 15 करोड़ की राशि कटाव रोधी काम के लिए मुहैया भी कराई गई, लेकिन ग्रामीणों की समस्या ये है कि यहां कटाव रोकने के लिए 2700 मीटर का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन फिलहाल 600 मीटर के लिए ही काम हो पाया है. जिससे गांव पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि कटाव पीड़ितों को सरकार की ओर से मुआवजा जरूर दिया गया है, लेकिन मुआवजे से ज्यादा जरूर है कटाव को रोकना ताकि मुआवजा देने वाली नौबत ही ना आए.

ग्रामीणों की गुहार... सुनो सरकार

जिलाधिकारी का कहना है कि कोशी और गंगा नदी में कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी मिली है. तीनटंगा में कटाव हो रहा था, लेकिन अब कटाव रोकने के लिए 15 करोड़ की लागत से काम शुरू होगा और बाढ़ आने से पहले काम पूरा कर लिया जाएगा. तीनटंगा गांव में ज्यादतर घर कच्चे हैं. ऐसे में बाढ़ में ये कच्चे मकान आसानी से बह जाते हैं. लिहाजा सरकार को कटाव रोधी काम के साथ ही गंगा किनारे बसे परिवारों के लिए पक्के मकान का इंतजाम भी करवाना चाहिए, ताकि हर साल गरीब परिवारों को बाढ़ की त्रासदी में बेघर ना होना पड़े.

रिपोर्ट : आलोक कुमार झा

HIGHLIGHTS

  • 'संकट' गंगा किनारे वाला
  • ग्रामीणों को सता रहा कटाव का डर
  • सरकार की पहल नाकाफी
  • ग्रामीणों की गुहार... सुनो सरकार

Source : News State Bihar Jharkhand

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